लखनऊ, 15 अप्रैल (भाषा) प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) ने शुक्रवार को अपनी प्रदेश कार्यकारिणी तथा राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक प्रकोष्ठों की सभी कार्यकारिणियों और संपूर्ण प्रवक्ता मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘प्रसपा ने अपनी प्रदेश कार्यकारिणी तथा राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक प्रकोष्ठों की सभी कार्यकारिणियों और संपूर्ण प्रवक्ता मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।’’
समाजवादी पार्टी के नेतृत्व से नाराजगी के बाद प्रसपा मुखिया शिवपाल यादव की भारतीय जनता पार्टी से बढ़ती नजदीकियों के मद्देनजर पार्टी द्वारा उठाए गए इस कदम के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता दीपक मिश्रा ने इसे सामान्य संगठनात्मक प्रक्रिया बताया है।
मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि सभी ईकाइयां भंग किया जाना विधानसभा चुनाव के बाद की एक सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि, यह कदम इस समय उठाया गया है इसीलिए इसे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि अगले दो हफ्ते के अंदर पार्टी की सभी ईकाइयों का पुनर्गठन कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से संगठन और सत्ता पर नियंत्रण के लिए संघर्ष के बाद शिवपाल सिंह यादव ने अलग पार्टी बना ली थी। हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव से ऐन पहले शिवपाल और अखिलेश साथ आए थे और शिवपाल ने सपा के टिकट पर जसवंत नगर विधानसभा सीट से सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था।
हालांकि, विधानसभा चुनाव में पार्टी की पराजय के बाद सपा विधायकों की हुई बैठक में नहीं बुलाए जाने से शिवपाल नाराज हो गए और उनकी भाजपा से नजदीकी बढ़ती गई। अखिलेश से दोबारा नाराजगी के बाद शिवपाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और बाद में उन्हें ट्वीटर पर फॉलो करना भी शुरू कर दिया, जिसके बाद शिवपाल के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई।
भाषा सलीम गोला
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