श्रीरामचरित मानस पर टिप्पणी को लेकर तलब किए गए स्वामी प्रसाद मौर्य! अखिलेश यादव से की मुलाकात

बैठक के बाद मौर्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि उनकी यह बैठक जाति आधारित जनगणना की मुहिम को तेज करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर थी।

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  • Publish Date - January 28, 2023 / 02:19 PM IST,
    Updated On - January 28, 2023 / 03:18 PM IST

Swami Prasad Maurya meets Akhilesh Yadav

लखनऊ, 28 जनवरी । श्रीरामचरित मानस पर टिप्पणी को लेकर विवादों से घिरे समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान परिषद सदस्य एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से यहां पार्टी दफ्तर में मुलाकात की।

मौर्य दोपहर 12 बजे के आसपास सपा दफ्तर पहुंचे और पार्टी प्रमुख के साथ करीब पौन घंटे तक बैठक की।

बैठक के बाद मौर्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि उनकी यह बैठक जाति आधारित जनगणना की मुहिम को तेज करने समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर थी।

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यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक में श्रीरामचरित मानस पर उनकी विवादित टिप्पणी के बारे में भी कोई चर्चा हुई, मौर्य ने कहा, “सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से सदन में इसका जवाब देंगे। इसके अलावा, वह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुक्रवार को राजस्थान में सनातन धर्म को देश का राष्ट्रीय धर्म कहे जाने को लेकर भी पार्टी का पक्ष रखेंगे।”

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने आरोप लगाया, “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार दलितों, पिछड़ों और वंचितों का आरक्षण खत्म करती जा रही है। ऐसे में सपा जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर नयी रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी।”

गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले रविवार को एक बयान में श्रीरामचरित मानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए इसे महिलाओं तथा पिछड़ों के प्रति अपमानजक करार दिया था और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। उनके इस बयान से खासा विवाद उत्पन्न हो गया था। संत समाज और हिंदूवादी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया था। मामले में मौर्य के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है।

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सपा ने मौर्य के इस बयान को उनकी निजी राय करार देते हुए उससे पल्ला झाड़ लिया था। विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक एवं विधायक मनोज पांडेय समेत कई सपा विधायकों ने भी मौर्य के बयान को गलत बताया था और कहा था कि वे इस विवाद के बाद उपजी स्थिति के बारे में अखिलेश को बताएंगे।

हालांकि, मौर्य का कहना है कि उन्होंने महिलाओं और दबे-कुचले तबकों का अपमान करने वाली चौपाई पर टिप्पणी की थी और वह आज भी अपने बयान पर कायम हैं।