‘किसने कहा रामचरितमानस धार्मिक ग्रंथ है? तुलसीदास ने तो नहीं कहा’ स्वामी प्रसाद मौर्य का एक और विवादित बयान

किसने कहा रामचरितमानस धार्मिक ग्रंथ है? तुलसीदास ने तो नहीं कहा! Ramcharitmanas is not a Dharmik Granth Swami Prasad Maurya

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  • Publish Date - January 29, 2023 / 03:58 PM IST,
    Updated On - January 29, 2023 / 03:58 PM IST

लखनऊ: Ramcharitmanas is not a Dharmik Granth  धार्मिक ग्रंथों के खिलाफ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बदजुबानी थमने का नाम ही नहीं रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को लेकर ऐसा बयान दे रहे हैं, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो रहा है। आज भी उन्होंने रामचरितमानस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि गाली कभी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता। अपमान करना किसी धर्म का उद्देश्य नहीं होता। जिन पाखंडियों ने धर्म के नाम पर पिछड़ों, महिलाओं को अपमानित किया, नीच कहा, वो अधर्मी हैं। किसने कहा रामचरितमानस धार्मिक ग्रंथ है? तुलसीदास ने तो नहीं कहा।

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Ramcharitmanas is not a Dharmik Granth वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के लोग स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतर आए हैं। बताया जा रहा है कि महासभा के लोगों ने लखनऊ स्थित वृंदावन योजना में ग्रंथ की प्रतियां जलाई हैं। रामचरितमानस की विवादित अंश की प्रतियों को जलाकर महासभा के ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया।

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महासभा के लोगों का कहना है कि इसमें जो नारी शक्ति, शुद्रओं, दलित समाज और ओबीसी समाज के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां हैं, हम इन टिप्पणियों को रामचरितमानस से निकलवाना चाहते हैं। अगर निकाला जाएगा तभी ये विरोध प्रदर्शन शांत होगा, नहीं तो ये जगह-जगह विरोध प्रदर्शन होगा।

 

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