अलीगढ़ (उप्र), 17 नवंबर (भाषा) अलीगढ़ जिले में ‘लिपिकीय त्रुटि’ के कारण कागजों पर मृत घोषित की गई एक महिला पिछले तीन वर्षों से सरकारी रिकॉर्ड में खुद को जीवित साबित करने के लिए संघर्ष कर रही है, हालांकि अधिकारी अब रिकॉर्ड सुधारने की तैयारी में जुट गए हैं।
खैर के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) शिशिर कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि इस मामले को अब प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है।
तहसील क्षेत्र के चमार नगरिया गांव की निवासी सरोज देवी ने वर्ष 2022 में अपने पति जगदीश प्रसाद के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन किया था, लेकिन गलती से अधिकारियों ने सरोज देवी का ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
एक जनवरी 2022 को दर्ज इस त्रुटि के कारण उनका आधार कार्ड निरस्त हो गया और पहचान सत्यापन से जुड़ी सभी बुनियादी सुविधाएं बंद हो गईं। सरकारी रिकॉर्ड से ‘अस्तित्व’ समाप्त हो जाने पर उन्हें रोजमर्रा के कामों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इससे पहले, 15 नवंबर को सरोज देवी ने तहसील दिवस शिकायत मंच पर अपनी पीड़ा रखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से अपनी पहचान और सम्मान वापस दिलाने की गुहार लगाई थी
उन्होंने अधिकारियों को बताया कि गलत प्रमाण पत्र जारी होने के बाद से वह एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय चक्कर लगा रही हैं, लेकिन सरकारी अधिकारियों की ‘‘उदासीनता’’ के कारण दस्तावेजों में सुधार नहीं हो पा रहा है।
उप जिलाधिकारी शिशिर कुमार ने बताया कि इस मामले को अब प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है।
उन्होंने कहा, “इस समस्या का तत्काल समाधान किया जा रहा है। आवश्यक सुधार कार्य जारी हैं।”
भाषा सं. सलीम मनीषा खारी
खारी