Pushkar Singh Dhami: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जन्मजयंती पर महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को किया याद, दी श्रद्धांजलि..

1904 में उत्तर प्रदेश में जन्मे लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे और 1964 से 1966 तक इस पद पर रहे। पाकिस्तान के साथ ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद 11 जनवरी, 1966 को 61 वर्ष की आयु में ताशकंद में उनका निधन हो गया।

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  • Publish Date - October 2, 2025 / 09:47 AM IST,
    Updated On - October 2, 2025 / 09:47 AM IST

Pushkar Singh Dhami || Image- IBC24 News file

HIGHLIGHTS
  • गांधी-शास्त्री जयंती पर धामी ने दी श्रद्धांजलि
  • सत्य, अहिंसा और सादगी को बताया मार्गदर्शक
  • सोशल मीडिया पर किया प्रेरणादायक पोस्ट

Pushkar Singh Dhami: देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके जीवन और आदर्शों को राष्ट्र निर्माण के लिए मार्गदर्शक प्रेरणा बताया। धामी ने महात्मा गांधी की सत्य, अहिंसा और सेवा के प्रतीक के रूप में प्रशंसा कि, उनकी शिक्षाएं आज भी राष्ट्र का मार्गदर्शन करती हैं।

सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी श्रद्धांजलि

एक्स पर एक पोस्ट में पुष्कर सिंह धामी ने लिखा, “सत्य और अहिंसा के महायाजक, सादगी और सेवा के प्रतीक, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती पर मैं उन्हें शत-शत नमन करता हूं। सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए महात्मा गांधी जी ने पूरे विश्व को दिखा दिया कि दृढ़ संकल्प और धैर्य से कोई भी कार्य संभव हो सकता है। उनके विचार आज भी राष्ट्र निर्माण की दिशा में हमारा मार्गदर्शन करते हैं।”

2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है। वे भारत में अंगरेजी शासन के विरुद्ध अहिंसक प्रतिरोध के अग्रदूत थे। अहिंसा और सत्याग्रह के अपने दर्शन के माध्यम से उन्होंने लाखों भारतीयों को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

लाल बहादुर शास्त्री थे ईमानदारी और सादगी के प्रतीक

Pushkar Singh Dhami: मुख्यमंत्री ने लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए सीएम ने कहा कि वे ईमानदारी और सादगी के प्रतीक थे, जिनका जीवन जनसेवा के लिए समर्पित रहा और आज भी राष्ट्र को प्रेरणा देता है। एक अन्य पोस्ट में धामी ने लिखा, “ईमानदारी और सादगी की प्रतिमूर्ति, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। जनसेवा और राष्ट्रहित को समर्पित आपका जीवन करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणास्रोत है। आइए, उनकी जयंती पर हम सभी उनके आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संकल्प लें।”

1904 में उत्तर प्रदेश में जन्मे लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे और 1964 से 1966 तक इस पद पर रहे। पाकिस्तान के साथ ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद 11 जनवरी, 1966 को 61 वर्ष की आयु में ताशकंद में उनका निधन हो गया।

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Q1: पुष्कर सिंह धामी ने किस अवसर पर श्रद्धांजलि दी?

गांधी और शास्त्री जयंती पर उन्होंने दोनों महान नेताओं को श्रद्धांजलि दी।

Q2: गांधी जी को धामी ने किस रूप में याद किया?

सत्य, अहिंसा और सेवा के प्रतीक के रूप में गांधी जी को नमन किया।

Q3: लाल बहादुर शास्त्री जी को कैसे याद किया गया?

ईमानदारी, सादगी और जनसेवा के प्रतीक के रूप में शास्त्री जी को श्रद्धांजलि दी गई।