Video: पत्नी को गोद में उठाकर आग के अंगारों पर चला शख्स, बीच में लड़खड़ा गए कदम..फिर जो हुआ देखकर रूह कांप जाएगी

Viral video : अपनी पत्नी को गोद में उठाकर आग के धधकते हुए अंगारों पर चल पड़ता है लेकिन अंगारे पार करने से पहले ही वह लड़खड़ाकर गिर जाता है, जिससे वे ​बुरी तरह झुलस जाता है, लोग बचाने के लिए दौड़ पड़ते हैं। इस वीडियो ने तमाम मान्यताओं पर सवाल कर दिए हैं।

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  • Publish Date - September 28, 2025 / 07:40 PM IST,
    Updated On - September 28, 2025 / 07:47 PM IST

Viral video, image source: सत्यदर्शन X

HIGHLIGHTS
  • पत्नी को गोद में उठाकर आग के धधकते हुए अंगारों पर चला शख्स
  • कई तरह की हैरान करने वाली मान्यताएं
  • आग में कूद कर पार करने की परंपरा

Viral video: देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह की हैरान करने वाली मान्यताएं हैं। कर्नाटक के धारवाड़ जिले के गांव बीरवल्ली में अजीबोगरीब रिवाज है। इस गांव में स्थित भगवान कमलेश्वर के मंदिर में प्रसाद के तौर पर सिर्फ आग के शोले चढ़ाए जाते हैं।

इसी बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक अधेड़ उम्र का शख्स अपनी पत्नी को गोद में उठाकर आग के धधकते हुए अंगारों पर चल पड़ता है लेकिन अंगारे पार करने से पहले ही वह लड़खड़ाकर गिर जाता है, जिससे वे ​बुरी तरह झुलस जाता है, लोग बचाने के लिए दौड़ पड़ते हैं। इस वीडियो ने तमाम मान्यताओं पर सवाल कर दिए हैं। लोग तरह तरह से सवाल कर रहे हैं, अपने विचार जाहिर कर रहे हैं।

कई तरह की हैरान करने वाली मान्यताएं

इसके पहले भी कर्नाटक के चिकमगलूर जिले के वीरभद्रेश्वर मंदिर से एक तस्वीर बाहर आई थी। जिसमें कुछ लोग एक लड़की को नंगे पैर आग पर चलाने की कोशिश कर रहे थे। बताया जा रहा है कि ये वहां की एक धार्मिक मान्यता है। आग पर चलने की ये कोई पहली तस्वीर नहीं है, बल्कि पूरे देश से ऐसी तस्वीरें सामने आती रहती हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तरह की हैरान करने वाली मान्यताएं हैं। उन तस्वीरों को देखकर हमें यकीन ही नहीं होता कि ऐसा भी हो सकता है।

धारवाड़ जिले के गांव बीरवल्ली में अजीबोगरीब रवायत

कर्नाटक के धारवाड़ जिले के गांव बीरवल्ली में अजीबोगरीब रवायत है। इस गांव में स्थिति भगवान कमलेश्वर के मंदिर में प्रसाद के तौर पर सिर्फ शोले चढ़ाए जाते हैं। इस गांव के लोग लंबे समय से ये परंपरा निभाते आ रहे हैं। इस गांव में भगवान कमलेश्वर का एक मंदिर है। जिन्हें प्रसाद के तौर पर कुछ और नहीं बल्कि सिर्फ शोले चढ़ाए जाते हैं। इसके लिए सालभर तैयारियां चलती हैं।

त्योहार वाले दिन लकड़ी की होली जलाई जाती है और ये लकड़ियां जब शोलों में तब्दील होती हैं, इसके बाद सबसे पहले मंदिर के पुजारियों को अंगारों से नहलाया जाता है। इसके बाद पुजारी पास खड़े लोगों के हाथों में प्रसाद की तरह अंगारे देते हैं। इसके बाद लोग नंगे पर आग पर भी दौड़ना शुरू कर देते हैं। आंध्र प्रदेश के कुछ गांवों भी आग पर चलने की मान्यताएं हैं।

आग में कूद कर पार करने की परंपरा

भगवान श्रीकृष्‍ण की जन्‍मस्‍थली मथुरा से 40 किलोमीटर दूर फालेन गांव में होलिका दहन के अवसर पुजारी धधकती आग में से कूदकर निकलते हैं। कहा जाता है कि ये परंपरा पिछले 500 वर्षों से चली आ रही है। आज तक इस परंपरा में कोई भी हताहत नहीं हुआ है, यहां भक्‍त प्रह्लाद का एक प्राचीन मंदिर और प्रह्लाद कुंड भी, जिसमें होलिका के दिन दहकती आग में से पुजारी कूदकर निकलते हैं।

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