Viral Video: बोर्ड परीक्षा में फेल हुआ बेटा तो परिजनों ने किया सेलिब्रेट, केक काट कर बढ़ाया छात्र का हौसला, देखें वायरल वीडियो
Viral Video: वीडियो में एक छात्र के परिजन उसके फेल होने पर जश्न मनाते हुए नजर आ रहे हैं और उन्होंने देश भर के अभिभावकों के लिए एक नई मिशाल पेश
Viral Video/ Image Credit: PTI X Handle
- एग्जाम में फेल होने पर आमतौर पर परिजन बच्चों को डांटते है और जमकर खरी-खोटी भी सुनाते हैं।
- कर्नाटक के बागलकोट में एक छात्र के परिजन उसके फेल होने पर जश्न मनाते हुए नजर आ रहे हैं।
- परिजनों के सेलिब्रेशन का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
बागलकोट: Viral Video: एग्जाम में फेल होने पर आमतौर पर परिजन बच्चों को डांटते है और जमकर खरी-खोटी भी सुनाते हैं। एग्जाम के बाद छात्रों से जुड़ी कई प्रकार की खबरें सामने आती है, लेकिन आज जो खबर निकलकर सामने आई है उसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि कर्नाटक के बागलकोट से एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में एक छात्र के परिजन उसके फेल होने पर जश्न मनाते हुए नजर आ रहे हैं और उन्होंने देश भर के अभिभावकों के लिए एक नई मिशाल पेश की है।
माता-पिता ने पेश की मिसाल
Viral Video: मिली जानकरी के अनुसार, कर्नाटक के बागलकोट जिले में रहने वाले अभिषेक चोलाचगुड्डा 10वीं बोर्ड परीक्षा में फेल हो गया। अभिषेक सवेश्वर इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा 10वीं का छात्र है। अभिषेक को इस साला हुई बोर्ड परीक्षा में 600 में से सिर्फ 200 अंक (लगभग 32%) मिले। अभिषेक सभी छह विषयों में फेल हो गया। फेल होने पर अभिषेक के दोस्त उसका मजाक उड़ा रहे थे, तो वहीं उसके माता-पिता ने मिशाल पेश करते हुए कहा कि, परीक्षा में फेल हो सकते हो, लेकिन जिंदगी में नहीं।
VIDEO | Karnataka: Parents celebrate their son after he fails in Class 10 exam by cutting a cake to boost his morale in Bagalkote. He got 200 marks out of 600, which is 32 percent, below the passing marks. #Karnataka #Bagalkote pic.twitter.com/YJzSBm3Gvq
— Press Trust of India (@PTI_News) May 5, 2025
अभिषेक के माता-पिता ने किया सेलिब्रेशन
Viral Video: अभिषेक के माता-पिता ने अपने बेटे का हौसला बढ़ाया और घर पे सेलिब्रेशन किया। इतना ही नहीं अभिषेक के परिजनों ने केक काटा और उससे कहा कि यह असफलता नहीं, बल्कि फिर से कोशिश करने का अवसर है। उनके इस कदम ने न सिर्फ बेटे को भावनात्मक मजबूती दी बल्कि लाखों अभिभावकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि बच्चों की जिंदगी सिर्फ अंकों से नहीं बनती।

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