नईदिल्ली। ईरान में कोविड-19 की वजह से अब तक 1600 मौतें हो चुकी है। वहीं 20 के लगभग लोग बीमार हैं, ईरान दुनिया के उन टॉप-3 देशों में शामिल है जहां कोरोना वायरस की वजह से सबसे अधिक मौतें हुई हैं। बावजूद इसके भी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने में अमेरिकी मदद लेने से इनकार कर दिया है।
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दरअसल, काफी समय से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चल रहा है, बावजूद इसके अमेरिका की ओर से ईरान को महामारी के खिलाफ लड़ने में मदद की पेशकश की गई थी, लेकिन ईरान ने साफ तौर से न सिर्फ मदद ठुकराई है, बल्कि ये भी आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस हो सकता है अमेरिकियों ने ही तैयार किया हो।
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बता दें कि चीन भी ये आरोप लगा चुका है कि अमेरिकी सैनिक की वजह से कोरोना वायरस चीन में फैला, हालांकि, चीन ने अमेरिका पर ये आरोप तब लगाया जब कोरोना वायरस को अमेरिका की ओर से ‘चीनी वायरस’ कहा गया। रिपोर्ट के मुताबिक टीवी पर दिए भाषण में अयातुल्ला अली खामनेई अमेरिकी नेताओं को धूर्त तक करार दे दिया।
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खामनेई ने कहा- ‘अमेरिका ने कई बार ईरान को वायरस को खत्म करने के लिए मदद की पेशकश की है। उन पर वायरस को बनाने का आरोप है। मैं नहीं जानता कि ये सही है, लेकिन ये अजीब है कि आप ईरान की मदद करना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा- ‘एक बात ये भी है कि वायरस के खिलाफ लड़ाई में आपके पास खुद कमियां हैं, क्या पता कि आप ऐसा ड्रग दे दें जिससे कि ये वायरस हमेशा ईरान में रह जाए।’
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ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका को लेकर यह भी कहा कि आप मदद के लिए डॉक्टर और थेरेपिस्ट को भेजेंगे, लेकिन शायद वे लोग यहां आकर उस ‘जहर’ के असर को देखना चाहेंगे जिसे उन्होंने खुद तैयार किया हो।