ब्रिटेन में हिंसा का मुकाबला करने के लिए नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों ने शांति मार्च निकाला

ब्रिटेन में हिंसा का मुकाबला करने के लिए नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों ने शांति मार्च निकाला

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  • Publish Date - August 8, 2024 / 09:06 PM IST,
    Updated On - August 8, 2024 / 09:06 PM IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, आठ अगस्त (भाषा) ब्रिटेन में पिछले सप्ताह उत्पात मचाने वाली दक्षिणपंथी हिंसक भीड़ से अधिक संख्या में नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारी लंदन और अन्य शहरों की सड़कों पर शांति मार्च में शामिल हुए। ‘स्कॉटलैंड यार्ड’ (लंदन पुलिस) ने इसे ‘‘समुदायों की एकजुटता का प्रदर्शन’’ बताया।

पुलिस अधिकारियों के सड़कों पर लगातार गश्त के कारण बुधवार शाम को लंदन और अन्य शहरों में आव्रजन वकीलों और एजेंसियों को निशाना बनाकर आयोजित रैलियों में हिंसा की आशंका टल गई। दक्षिणपंथियों की हिंसक रैलियों के खिलाफ ‘‘फासीवाद और नस्लवाद को नष्ट करो’’ और ‘‘दक्षिणपंथ को रोको’’ लिखी तख्तियां लहराते हुए शांति मार्च के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए।

ब्रिटेन सरकार ने खुफिया सूचनाओं का हवाला देते हुए आगाह किया कि अगले कुछ दिनों में और अधिक दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर सकते हैं, हालांकि बुधवार रात हिंसा की कोई घटना नहीं हुई।

मेट्रोपॉलिटन पुलिस प्रमुख मार्क रोली ने कहा, ‘‘कल रात राजधानी में 1,000 से ज़्यादा पुलिस अधिकारी तैनात किए गए थे, जो किसी भी तरह की अव्यवस्था से निपटने के लिए तैयार थे। उनके प्रयासों और लंदन के समुदायों द्वारा प्रदर्शित एकजुटता की ताकत के कारण शाम काफी हद तक शांतिपूर्ण रही।’’

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से संदिग्ध हिंसक अपराधियों को गिरफ़्तार करने के लिए बृहस्पतिवार सुबह तड़के छापेमारी की गई।

लंदन के महापौर सादिक खान ने उन लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने ‘‘नस्लवाद और इस्लामोफोबिया के खिलाफ एकजुट होकर’’ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। उन्होंने लंदनवासियों को सुरक्षित रखने के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाले ‘‘बहादुर पुलिस बल’’ का भी आभार जताया।

खान ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘उन धुर दक्षिणपंथी गुंडों के लिए जो अभी भी घृणा और विभाजन पैदा करने पर आमादा हैं, आपका यहां कभी स्वागत नहीं होगा।’’

पिछले मंगलवार को हुई शुरुआती झड़पों के बाद से 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये झड़पें तब शुरू हुई थीं जब सोशल मीडिया पर यह झूठा दावा किया गया कि उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड के साउथपोर्ट में हुई घातक चाकूबाजी की घटना का संदिग्ध एक शरणार्थी था जो पिछले वर्ष एक छोटी नौका से ब्रिटेन आया था।

इस बीच, साउथपोर्ट में चाकू से हमले में घायल तीन बच्चियों की मौत की जांच शुरू कर दी गई है। 29 जुलाई को टेलर स्विफ्ट थीम वाले हॉलिडे क्लब में घुसकर चाकू मारने वाले व्यक्ति द्वारा बेबे किंग (छह) एल्सी डॉट स्टैनकॉम्ब (सात) और एलिस दा सिल्वा अगुइर (नौ) की हत्या कर दी गई। हमले में 10 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें अब अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

एक्सेल रुदाकुबाना (17) तीन बच्चियों की हत्या और आठ अन्य बच्चों और दो वयस्कों की हत्या के प्रयास के आरोप में हिरासत में है। एक्सेल वेल्श के शहर कार्डिफ में रवांडा के प्रवासी माता-पिता की संतान है।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश