संयुक्त राष्ट्र, 16 जुलाई (एपी) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में जहाजों पर किए जा रहे हमलों को लेकर निगरानी बनाए रखने की मंजूरी दे दी है। इन विद्रोहियों ने ऐसे सभी हमले तत्काल रोकने की मांगों की लगातार अवहेलना की है।
पंद्रह सदस्यीय परिषद में प्रस्ताव के पक्ष में 12 मत पड़े, जबकि रूस, चीन और अल्जीरिया ने मतदान से परहेज किया। इन देशों ने यमन की संप्रभुता के उल्लंघन की बात कही और उनका स्पष्ट इशारा अमेरिका द्वारा हूतियों पर किए गए हवाई हमलों की तरफ था।
प्रस्ताव अमेरिका और यूनान द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत किया गया था। इसके तहत संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को 15 जनवरी, 2026 तक लाल सागर में हूती हमलों पर मासिक रिपोर्ट सुरक्षा परिषद को सौंपनी होगी।
कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत डोरोथी शिया ने कहा कि यह प्रस्ताव ईरान समर्थित हूती आतंकी खतरे के खिलाफ सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
उन्होंने हाल में हूतियों द्वारा दो व्यापारिक जहाजों — एमवी मैजिक सीज और एमवी एटरनिटी सी — पर किए गए हमलों का हवाला दिया, जिनमें दोनों पोत डूब गए और निर्दोष नाविकों की मौत हुई। चालक दल के कुछ सदस्य अब भी बंधक हैं।
शिया ने इन हमलों को अनुचित और आतंकवादी कार्रवाई बताया तथा सुरक्षा परिषद की ओर से हमले तुरंत रोकने और बंधकों को रिहा करने की मांग दोहराई।
हूती विद्रोहियों द्वारा किए जा रहे ये हमले, गाज़ा में जारी युद्ध के खिलाफ अभियान का हिस्सा माने जा रहे हैं जो 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए हमले के बाद शुरू हुआ था।
संयुक्त राष्ट्र में यूनान के राजदूत एवानजेलोस सेकेरिस ने कहा कि हूती हमलों ने वैश्विक समुद्री समुदाय में अविश्वास को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति शृंखलाओं की स्थिरता और आर्थिक विकास के लिए समुद्री सुरक्षा और नौवहन की स्वतंत्रता अनिवार्य है।
एपी मनीषा वैभव
वैभव