बांग्लादेश ने आतंकवाद विरोधी कानून में आरोपी व्यक्ति या संगठन के किसी भी तरह के प्रचार पर रोक लगायी

बांग्लादेश ने आतंकवाद विरोधी कानून में आरोपी व्यक्ति या संगठन के किसी भी तरह के प्रचार पर रोक लगायी

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  • Publish Date - May 12, 2025 / 05:43 PM IST,
    Updated On - May 12, 2025 / 05:43 PM IST

ढाका/नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) बांग्लादेश ने संशोधित आतंकवाद कानून के तहत आरोपी व्यक्तियों या संगठनों के बयानों के प्रकाशन/प्रसारण तथा किसी भी अन्य तरह के प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है।

एक दिन पहले ही बांग्लादेश ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की गतिविधियों पर उसके नेताओं पर इसी कानून के तहत मुकदमा चलने तक रोक लगा दी थी।

राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने रविवार रात आतंकवाद निरोधक अधिनियम में संशोधन वाला एक अध्यादेश जारी किया, जो ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाता है।

राष्ट्रपति ने मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सलाहकार परिषद या अंतरिम मंत्रिमंडल द्वारा आतंकवाद विरोधी अधिनियम-2009 में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दिये जाने के कुछ घंटों बाद ही मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिए।

कानून मंत्रालय ने बाद में आतंकवाद विरोधी (संशोधन) अध्यादेश, 2025 प्रकाशित किया।

संशोधित कानून ऐसे व्यक्तियों या संस्थाओं के समर्थन में प्रेस वक्तव्य, सोशल मीडिया सामग्री या सार्वजनिक समारोहों सहित किसी भी प्रकार के प्रचार पर प्रतिबंध लगाता है।

एक दिन पहले ही अंतरिम प्रशासन ने अवामी लीग की गतिविधियों पर रोक लगा दी थी।

यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक कि विशेष न्यायाधिकरण पिछले वर्ष एक छात्र मंच के नेतृत्व में तीन सप्ताह तक चले विद्रोह के दौरान जान गंवाने वाले लोगों की मौत के मामले में पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पूरा नहीं कर लेता।

अंतरिम प्रशासन ने ‘सूचीबद्ध व्यक्तियों या प्रतिबंधित संस्थाओं’ के पिछले संदर्भ को इस अधिक सामान्य वाक्यांश से प्रतिस्थापित करके प्रतिबंधों के दायरे को भी व्यापक बना दिया: ‘कोई भी व्यक्ति या संस्था जिसके खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून की धारा 18 की उपधारा (1) के तहत कार्रवाई की गई है।’

यूनुस के कार्यालय ने पहले कहा था कि चूंकि मौजूदा आतंकवाद निरोधक अधिनियम में किसी भी संगठन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए समय के अनुरूप बनाने के लिए 2009 के कानून में और संशोधन करना उचित एवं आवश्यक है।

हसीना की 16 साल पुरानी अवामी लीग सरकार पिछले साल पांच अगस्त को विद्यार्थियों के नेतृत्व में हुए हिंसक जन विद्रोह में गिर गई थी, जिसके बाद 77 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री को भारत जाना पड़ा था।

हसीना के पद से हटने के तीन दिन बाद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला।

तब से हसीना और उनकी पार्टी के कई नेता सामूहिक हत्या और भ्रष्टाचार समेत सैकड़ों मामलों का सामना कर रहे हैं। उनकी पार्टी के अधिकतर नेता और सरकार के मंत्री या तो गिरफ्तार कर लिये गये हैं या विदेश भाग गए हैं।

भाषा राजकुमार नरेश

नरेश