ढाका, 28 दिसंबर (भाषा) ढाका ने रविवार को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले व्यवहार को लेकर भारत द्वारा उठाई गई चिंताओं को खारिज करते हुए इसे ‘‘गलत, अतिरंजित या प्रेरित विमर्श’’ बताया जो तथ्यों को प्रतिबिंबित नहीं करता है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा था कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी ‘‘हिंसा’’ एक गंभीर चिंता का विषय है। मंत्रालय ने पिछले सप्ताह मैमनसिंह क्षेत्र में एक हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या करने वाले दोषियों को सजा देने की मांग की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘‘बांग्लादेश में हिंदू, ईसाई और बौद्ध सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ चरमपंथियों द्वारा जारी हिंसा गंभीर चिंता का विषय है।’’
जायसवाल की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस.एम. महबूब-उल आलम ने कहा, ‘‘बांग्लादेश सरकार सांप्रदायिक सद्भाव की बांग्लादेश की दीर्घकालिक परंपरा को गलत तरीके से प्रस्तुत करने वाली किसी भी गलत, अतिरंजित या प्रेरित विमर्श को स्पष्ट रूप से खारिज करती है।’’
आलम ने दावा किया कि भारत के विभिन्न हिस्सों में ‘‘आपराधिक कृत्यों की छिटपुट घटनाओं को हिंदुओं के खिलाफ व्यवस्थित उत्पीड़न के रूप में चित्रित करने के सुनियोजित प्रयास किए जा रहे हैं और इनका दुर्भावनापूर्ण उपयोग बांग्लादेश विरोधी भावनाओं को फैलाने के लिए किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम कुछ क्षेत्रों में चयनात्मक और अनुचित पूर्वाग्रह देखते हैं, जहां छिटपुट घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जाता है, गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता है और आम भारतीयों को बांग्लादेश, उसके राजनयिक मिशन और भारत में स्थित अन्य संस्थानों के खिलाफ भड़काने के लिए प्रचारित किया जाता है।’’
भाषा शफीक नरेश
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