चीन के रक्षा मंत्री ने ताइवान पर कब्जा करने की धमकी दोहराई

चीन के रक्षा मंत्री ने ताइवान पर कब्जा करने की धमकी दोहराई

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  • Publish Date - September 18, 2025 / 03:45 PM IST,
    Updated On - September 18, 2025 / 03:45 PM IST

ताइपे (ताइवान), 18 सितंबर (एपी) चीन के रक्षा मंत्री दोंग जुन ने बृहस्पतिवार को बीजिंग में सुरक्षा फोरम की शुरुआत पर एक बार फिर यह धमकी दी कि उनका देश स्व-शासित ताइवान पर कब्जा करेगा।

दोंग ने बीजिंग शिआंगशान फोरम में अंतरराष्ट्रीय सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि ताइवान का चीन में ‘‘पुनर्स्थापन’’ ‘‘युद्धोपरांत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा’’ है।

ताइवान 2.3 करोड़ लोगों वाला लोकतंत्र है, जो वर्ष 1949 से चीन से अलग है। बीजिंग ताइवान को एक अलग प्रांत मानता है और उसने ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं किया है।

चीन लगभग रोजाना द्वीप के पास युद्धपोत और विमान भेजकर ताइवान पर सैन्य दबाव बनाता है।

ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते और उनकी सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी बीजिंग के दावों को खारिज करते हैं और कहते हैं कि ताइवान एक संप्रभु देश है और उसका भविष्य उसकी जनता तय करेगी।

दोंग ने कहा कि चीन ‘‘ताइवान की स्वतंत्रता के किसी भी अलगाववादी प्रयास को कभी सफल नहीं होने देगा’’ और वह ‘‘किसी भी बाहरी सैन्य हस्तक्षेप’’ को विफल करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘‘चीन की सेना सभी पक्षों के साथ मिलकर वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए एक शक्ति के रूप में काम करने को तैयार है।’’

अमेरिका का नाम लिये बिना दोंग ने ‘‘बाहरी सैन्य हस्तक्षेप, प्रभुत्व वाले क्षेत्र की तलाश और दूसरों को पक्ष चुनने के लिए बाध्य करने’’ जैसे व्यवहारों की आलोचना की और कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘‘अराजकता और संघर्ष’’ में धकेलने के तरीके हैं।

यह सुरक्षा फोरम ऐसे समय में आयोजित किया गया है जब बीजिंग ने इस महीने की शुरुआत में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर एक विशाल सैन्य परेड आयोजित की थी।

इस परेड में चीनी सेना ने हाइपरसोनिक मिसाइल और टैंक सहित अपने उन्नत हथियारों का प्रदर्शन किया था।

दोंग ने ‘‘संयुक्त राष्ट्र-केंद्रित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली’’ को वैश्विक शांति और स्थिरता के

ढांचे के रूप में बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें युद्धोपरांत व्यवस्था की रक्षा करनी चाहिए। हमारा इरादा मौजूदा व्यवस्था को पलटने या नयी व्यवस्था बनाने का नहीं है, बल्कि इस प्रणाली की नींव और स्तंभों को मजबूत करना है।’’

एपी राखी मनीषा

मनीषा