कोविड-19 रैपिड जांच नए स्वरूपों का भी पता लगाती है |

कोविड-19 रैपिड जांच नए स्वरूपों का भी पता लगाती है

कोविड-19 रैपिड जांच नए स्वरूपों का भी पता लगाती है

:   Modified Date:  March 3, 2024 / 05:46 PM IST, Published Date : March 3, 2024/5:46 pm IST

(नथानिएल हाफर, यूमास चान मेडिकल स्कूल, अनुराधा राव, एमोरी यूनिवर्सिटी, और अपूर्व सोनी, यूमास चान मेडिकल स्कूल)

वारसेस्टर (अमेरिका), तीन मार्च (द कन्वरसेशन) समूचे अमेरिका में कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के छह महीने बाद यह साफ हो गया था कि सार्स-कोव-2 अपने मूल स्वरूप से परिवर्तित हो गया था। सार्स-कोव-2 से ही कोविड-19 होता है।

इसके बाद ज़हन में यह सवाल उठने लगा कि क्या मौजूदा रैपिड एंटिजन परीक्षण वायरस के नए स्वरूपों को पकड़ सकता है या नहीं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने अपने ‘वैरिएंट टास्क फॉर्स’ के जरिए 2020 से 2023 के बीच अमेरिका की विभिन्न प्रयोगशालाओं से क्लिनिकल नमूने लिए और 300 से ज्यादा स्वरूपों पर 100 से अधिक रैपिड एंटीजन जांच किट की प्रभावकारिता का विश्लेषण किया।

ज्यादातर किट वायरस के नए और पहले से ज्ञात स्वरूप का पता लगाने में सक्षम थीं।

अनुसंधानकर्ताओं की हमारी टीम ने पिछले कुछ वर्षों में कोविड-19 परीक्षणों की सटीकता और प्रदर्शन पर शोध किया है। हम समझते हैं कि जनता के मन में अब भी यह सवाल क्यों हो सकते हैं कि क्या ये परीक्षण विश्वसनीय हैं, खासकर जब नए स्वरूप सामने आते रहते हैं।

क्या ये परीक्षण काम करते हैं?

सार्स-कोव- 2 का पता लगाने के लिए दो प्रमुख प्रकार के परीक्षण हैं। इसमें से एक आरटी-पीसीआर जांच है जो वायरस का पता लगाने में 95 फीसदी से ज्यादा कारगर है। मगर इसकी लागत एंटीजन परीक्षण से पांच से 10 गुना ज्यादा होती है।

वहीं, रैपिड जांच की सटीकता का स्तर 80 फीसदी से ज्यादा है। इस जांच की किट ज्यादातर सुपरमार्केट एवं दवा की दुकानों पर उपलब्ध है।

रैपिड एंटीजन परीक्षण अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं और इसका इस्तेमाल किसी भी प्रशिक्षण के बिना किया जा सकता है और ये त्वरित परिणाम देते हैं। आमतौर पर इनसे 10-15 मिनट के भीतर नतीजा पता चल जाता है। मगर इनमें एक कमी यह है कि ये पीसीआर परीक्षणों की तुलना में कम सटीक होते हैं, खासकर संक्रमण के शुरुआती दौर में जब शरीर में वायरस का स्तर कम होता है।

हमारी टीम ने प्रदर्शित किया है कि ये परीक्षण 2024 में भी उतना ही अच्छा प्रदर्शन करते हैं जितना उन्होंने पहले महामारी में किया था, जब वायरस के विभिन्न स्वरूप फैल रहे थे। वहीं, हमारा प्रारंभिक अध्ययन जनवरी 2022 में पूरा हुआ था। ऐसा इसलिए है क्योंकि एंटीजन परीक्षणों द्वारा पता लगाया गया वायरस प्रोटीन पिछले दो वर्षों में बहुत अधिक नहीं बदला है, जबकि वायरस के अन्य हिस्सों में कई परिवर्तन हुए हैं। एक अन्य अध्ययन में भी समान परिणाम मिले थे जिसमें 2020 से 2022 तक रैपिड एंटीजन परीक्षणों की सटीकता की जांच की गई थी।

शोध के दौरान शोधकर्ता नमूने इकट्ठा करने के लिए मास्क और अन्य सुरक्षात्मक उपकरण पहनकर तंबुओं में बैठे थे।

मुझमें लक्षण हैं। मुझे कब परीक्षण कराना चाहिए?

अगर आपमें लक्षण हैं, तो जितनी जल्दी हो सके रैपिड जांच कराएं। यदि आपका परीक्षण पॉजिटिव है, तो आप काफी हद तक निश्चित हो सकते हैं कि आप संक्रमित हैं। अगर नतीजा नकारात्मक है, तो दो दिन प्रतीक्षा करें और दोबारा परीक्षण कराएं।

यह प्रतीक्षा अवधि अहम है क्योंकि वायरस को उस स्तर तक पहुंचने में कुछ दिन लगते हैं जब उसे रैपिड जांच से पकड़ा जा सके।

मैं संक्रमण के संपर्क में आया लेकिन मुझमें कोई लक्षण नहीं है। मैं जांच कब कराऊं?

अगर आप संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और आपमें कोई लक्षण नहीं हैं, तो मौजूदा सलाह के तहत आपको रैपिड जांच के लिए चार से पांच दिन का इंतजार करना चाहिए। अगर आपकी जांच रिपोर्ट नकारात्मक है तो दो दिन इंतजार करें और फिर से जांच कराएं।

अगर नतीजा तब भी नकारात्मक है तो आप कुछ और दिन इंतजार करें तथा फिर से जांच कराएं। यह बिना लक्षण वाले मामलों में कोविड-19 संक्रमण पकड़ने का बेहतरीन तरीका है।

मैं कब संक्रामक हूं?

अधिकतर लोग जिनमें लक्षण होते हैं और परीक्षण पॉजिटिव होते हैं, वे संक्रामक होते हैं। यदि अब आपमें कोई लक्षण नहीं हैं और अब आपका परीक्षण पॉजिटिव नहीं आ रहा है, तो संभावना है कि आप संक्रामक नहीं हैं।

लेकिन इस सामान्य नियम के कुछ अपवाद भी हैं। यह मुमकिन है कि संक्रमित हों और आपमें कोई लक्षण न हों। यह तब होता है जब किसी व्यक्ति में संक्रमण की शुरुआत हुई हो।

नमूना नाक से लें या गले से?

अमेरिका में एंटीजन परीक्षण के लिए नमूना नाक से लेते हैं। हालांकि डेनमार्क के एक अध्ययन में बताया गया है कि एंटीजन परीक्षण स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा गले से लिए गए नमूनों के प्रति अधिक संवेदनशील थे। उसी अध्ययन में कहा गया है कि जब किसी व्यक्ति ने खुद नमूना लिया, तो नाक के नमूने गले के नमूनों की तुलना में अधिक सटीक थे।

द कन्वरसेशन नोमान नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)