नई दिल्लीः Currency Change in Britain बीते गुरुवार को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में निधन हो गया। महारानी एलिजाबेथ का निधन स्कॉटलैंड के बाल्मोरल कैसल में हुआ। महारानी एलिजाबेथ के निधन पर दुनियाभर के नेताओं सहित दिग्गजों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं, आज पूरे भारत में राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद अब उनके बेटे चार्ल्स (उम्र 73 साल) ब्रिटेन के नए राजा बनाए गए हैं। बता दें कि एलिजाबेथ द्वितीय सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं बल्कि 14 और देशों की रानी रहीं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ब्रिटेन सहित कई देशों में बड़े बदलाव किए जाएंगे। तो चलिए आपको बताते हैं कि चार्ल्स के ब्रिटेन के प्रिंस बनने के बाद क्या अहम बदलाए किए जाएंगे।
Currency Change in Britain बता दें कि 1952 में जब महारानी ने गद्दी संभाली थी तब महारानी या सम्राट की तस्वीर बैंकनोटों पर नहीं होती थी। 1960 में यह तब बदला गया जब एलिजाबेथ द्वितीय की तस्वीर 1 पाउंड में छापा गया। महारानी की मौत के बाद अब बकिंघम पैलेस की सहमति से किंग चार्ल्स तृतीय की तस्वीर को नोटों पर जगह दी जाएगी। खास बात है कि महारानी का फेस कनाडा में कुछ डॉलर 20 के नोटों पर, न्यूजीलैंड के सिक्कों पर, और पूर्वी कैरेबियाई केंद्रीय बैंक द्वारा जारी किए गए सभी सिक्कों और नोटों पर भी है, जिनके अब बदलने की संभावना है। बताया गया कि ब्रिटेन सहित 14 देशों में 4.5 बिलियन स्टर्लिंग नोट बाजार में अभी प्रचलन में हैं, जिनमें क्वीन एलिजाबेथ की तस्वीरें छपी हुई है। इन नोटों की कुल कीमत 80 बिलियन पाउंड है। हालांकि इसे बदलने में अभी करीब दो साल का समय लगेगा। अब इन नोटों में महारानी एलिजाबेथ की जगह प्रिंस चार्ल्स की तस्वीरें दिखाई देगा।
पूरे यूनाइटेड किंगडम में पुलिस स्टेशनों के बाहर लहराने वाले झंडों से लेकर नौसेना के जहाज पर इस्तेमाल किए जाने वाले झंडे तक (जब कोई जनरल जहाज पर होता है) ईआईआईआर लिखे हजारों झंडों को बदलने की आवश्यकता होगी। यूके में सैन्य रेजिमेंट ’क्वींस कलर’ वाले फ्लैग उड़ाते हैं, जिनमें से कई पर सुनहरे रंग में ईआईआईआर लिखा होता है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड जैसे कई ऐसे राष्ट्रमंडल देश हैं जहां रानी ’हेड ऑफ स्टेट’ हैं, वहां रानी के लिए पर्सनल झंडा था, जिसका उपयोग रानी के आने पर किया जाता था। अब उन्हें भी बदला जाएगा।
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एक बदलाव जो सबसे निकट है वह यह है कि ब्रिटेन का राष्ट्रगान में मौजूद ’भगवान हमारी दयालु रानी को बचाए’की जगह अब ’भगवान हमारे दयालु राजा को बचाए’ गाया जाएगा। हालांकि इन नए बदलाव के साथ ढलने में ब्रिटेन के लोगों को समय लगेगा। ’गॉड सेव द क्वीन’ या ’गॉड सेव द किंग’, इस पर निर्भर करता है कि कौन शासन कर रहा है। खास बात यह है कि यह कई राष्ट्रमंडल देशों द्वारा रॉयल गाने के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि इससे जुड़ा कोई कानून नहीं है, इसलिए इसके शब्द तुरंत बदल सकते हैं।
वहीं, महारानी एलिजाबेथ के शाही चिन्ह, ईआर वाले रॉयल मेल पोस्टबॉक्स को हटाए जाने की संभावना नहीं है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि किंग जॉर्ज वीआई के शाही चिन्ह जीआर वाले कुछ रॉयल मेल पोस्टबॉक्स आज भी उनके मरने के 70 साल बाद उपयोग में हैं। हालांकि रॉयल मेल अपने स्टैम्प्स को बदलेगा और उसने क्वीन एलिजाबेथ की जगह किंग चार्ल्स की तस्वीर होगी।