डेमोक्रेटिक पार्टी ‘हिंदूफोबिया’ को लेकर मूकदर्शक बनी हुई है : एचएएफ

डेमोक्रेटिक पार्टी ‘हिंदूफोबिया’ को लेकर मूकदर्शक बनी हुई है : एचएएफ

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  • Publish Date - September 26, 2020 / 04:35 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

वाशिंगटन, 26 सितंबर (भाषा) डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर ‘हिंदूफोबिया’ (हिंदुओं के प्रति नफरत) बढ़ने और इसे लेकर पार्टी नेतृत्व पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाते हुए अमेरिका के एक हिंदू संगठन ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि यदि इस पर रोकथाम नहीं हुई तो यह प्रभावशाली धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय अपना समर्थन रिपब्लिकन पार्टी को दे सकता है।

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) की चेतावनी ऐसे समय में आई है जब हाल ही के कुछ सर्वेक्षणों में भारतीय अमेरिकियों का झुकाव डेमोक्रेटिक पार्टी से रिपब्लिकन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तरफ बढ़ने का संकेत मिला है।

एचएएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘मीडियम’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘भारतीय अमेरिकी मतदाताओं से बात करने पर पता चल रहा है कि कई भारतीय अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी क्यों छोड़ रहे हैं। उनकी व्हाट्सऐप बातचीत देखिए तो डेमोक्रेटिक पार्टी की तथाकथित सुपर प्रोग्रेसिव इकाई की हालिया भारत विरोधी सक्रियता का पता चलता है जिससे अमर शेरगिल जुड़े हैं।”

इसमें आरोप लगाया गया है कि कैलिफोर्निया डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव कॉकस के अध्यक्ष शेरगिल कैलिफोर्निया के ही एक और राजनीतिक कार्यकर्ता पीटर फ्रीडरिक के साथ मिलकर सभी भारतीय अमेरिकियों और हिंदू सांसदों तथा डेमोक्रेटिक पार्टी के पदाधिकारियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं, वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस पर अब तक मूकदर्शक बना हुआ है।

एचएएफ ने आरोप लगाया कि प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गई पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड, टेक्सास से डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार श्रीनिवास कुलकर्णी और डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ी पद्मा कुप्पा को पार्टी में कथित हिंदूफोबिया का सामना करना पड़ रहा है।

भाषा

शुभांशि वैभव

वैभव