व्याख्याः कांग्रेस कैसे करेगी इलेक्टोरल कॉलेज मों की गणना

व्याख्याः कांग्रेस कैसे करेगी इलेक्टोरल कॉलेज मों की गणना

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  • Publish Date - January 6, 2021 / 11:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

वाशिंगटन, छह जनवरी (एपी) अमेरिका में बुधवार को कांग्रेस (संसद) का संयुक्त सत्र होगा जिसमें इलेक्टोरल कॉलेज मतों की गिनती होगी। रिपब्लिक पार्टी के कुछ सांसद डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन की जीत को कम से कम छह राज्यों में चुनौती दे सकते हैं जिससे सत्र की कार्यवाही देर रात तक चलने के आसार हैं।

अगर बाइडन को मिले मतों पर आपत्ति जताई जाती है तो यह गृह युद्ध के बाद पहली बार होगा की राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने को चुनौती दी जाएगी।

रिपब्लिकन पार्टी के कम से कम 13 सीनेटर और प्रतिनिधि सभा के 100 से ज्यादा सदस्य चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेबुनियाद आरोपों का हवाला दे रहे हैं।

उनकी आपत्तियों से रिपब्लिक पार्टी के बहुमत वाली सीनेट में और डेमोक्रेटिक पार्टी के नियंत्रण वाली प्रतिनिधि सभा में कई बार मतदान हो सकता है जो निश्चित तौर पर विफल होगा। जीओपी के एक दर्जन से ज्यादा सीनेटरों ने कहा है कि वे आपत्तियों का समर्थन नहीं करेंगे और इसके खिलाफ मतदान करेंगे।

चुनाव में बड़े पैमाने पर कोई धांधली नहीं हुई थी। इसकी पुष्टि कई चुनाव अधिकारियों और पिछले महीने ट्रंप के अटॉर्नी जनरल पद से इस्तीफा देने वाले विलियम बार ने की है। साथ ही ट्रंप और उनके सहयोगियों की ओर से चुनावों के संबंध में दायर सभी मुकदमों को खारिज किया है। उच्चतम न्यायालय ने भी याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।

कांग्रेस की बुधवार को होने वाली बैठक बाइडन की जीत की पुनःपुष्टि को लेकर अंतिम कदम है। इलेक्टोरल कॉलेज ने उन्हें दिसंबर में आधिकारिक तौर पर निवार्चित घोषित कर दिया था। यह बैठक संविधान के तहत जरूरी है।

संघीय कानून के तहत यह जरूरी है कि कांग्रेस की बैठक छह जनवरी को हो जिसमें प्रत्येक राज्य के सील प्रमाण पत्र खोले जाएं जिसमें उनके इलेक्टोरल वोट का प्रमाण पत्र होता है। यह मत एक विशेष तरह के बक्से में सत्र में लाए जाएंगे।

दोनों सदनों में दोनों पार्टियों के प्रतिनिधि नतीजों को ऊंची आवाज़ में पढ़ेंगे और आधिकारिक गणना करेंगे। सीनेट के अध्यक्ष उपराष्ट्रपति माइक पेंस सत्र की अध्यक्षता करेंगे और विजेता घोषित करेंगे। यह कार्यवाही स्थानीय समयनुसार दोपहर एक बजे शुरू होगी।

संविधान के तहत यह जरूरी है कि कांग्रेस की बैठक हो और इलेक्टोरल वोटों की गिनती हो। अगर मामला बराबरी का होता है तो सदन राष्ट्रपति पद पर निर्णय करेगा और प्रत्येक कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल का एक वोट होगा। यह 1800 के दशक से हुआ नहीं हैं और बाइडन की इलेक्टोरल जीत निर्णायक है और उन्हें 306 कॉलेज मिले हैं तथा ट्रंप को 232 वोट मिले हैं।

दोनों सत्र दोपहर में एक साथ बैठक करेंगे और मतों की गणना करेंगे। पेंस इसकी अध्यक्षता कर सकते हैं अगर वह मौजूद नहीं हुए तो बहुमत वाली पार्टी के सबसे लंबे समय से सीनेटर रहे सदस्य बैठक की अध्यक्षता करेंगे। वह फिलहाल चक ग्रासली हैं।

पीठासीन अधिकारी इलेक्टोरल मतों के प्रमाण पत्रों को खोलेंगे और पेश करेंगे। वह प्रतिनिधि सभा और सीनेट से दोनों पार्टियों के सदस्यों को नियुक्त करेंगे जो प्रमाण पत्रों को बुलंद आवाज़ में पढ़ेंगे और मतों को दर्ज करेंगे और गणना करेंगे। अंत में पीठासीन अधिकारी घोषित करेंगे कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए किसने बहुमत हासिल किया है।

जब सदस्य किसी राज्य का प्रमाण पत्र पढ़ रहा होगा तो कोई भी सदस्य खड़े होकर उस राज्य के मत पर किसी भी आधार पर आपत्ति जता सकता है। लेकिन पीठासीन अधिकारी उनकी आपत्ति तबतक नहीं सुनेंगे जबतक वह लिखित में नहीं हो और उसपर सीनेट के एक सदस्य और प्रतिनिधि सभा के एक सदस्य के हस्ताक्षर नहीं हों।

अगर कोई आग्रह होता है तो संयुक्त सत्र को स्थगित कर दिया जाएगा और सीनेट तथा प्रतिनिधि सभा की दो घंटे तक के लिए अलग अलग बैठक होगी। अगर आपत्ति जारी रहती है तो दोनों सदनों को साधारण बहुमत से इस पर सहमत होना होगा। अगर दोनों सदन सहमत नहीं होते हैं तो वास्तविक इलेक्टोरल मत की गणना होगी और जिसमें कोई बदलाव नहीं होगा।

हर बार की आपत्ति में यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसलिए सत्र की कार्यवाही रात भर और बृहस्पतिवार तक चल सकती है।?

प्रतिनिधिसभा के दर्जनों सदस्य और सीनेटरों के जीओपी का एक छोटा समूह कम से कम छह राज्यों के मतों पर आपत्ति जता सकता है। इन्हीं छह राज्यों में ट्रंप ने धांधली का आरोप लगाया है लेकिन अधिकतर गैर दलीय चुनाव अधिकारियों और ट्रंप के पूर्व अटॉर्नी जनरल ने भी धांधली से इनकार किया है।

ट्रंप और उनकी टीम के लिए अदालतों के अलावा संयुक्त सत्र आपत्ति जताने का आधिकारिक तौर पर आखिरी मौका है।

एपी

नोमान माधव

माधव