पेइचिंग। पिछले 70 साल में पहली बार 2018 में चीन की जनसंख्या बढ़ने की बजाय कम हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह चीन के लिए जनसांख्यिकी संकट है, जिसका असर चीन की धीमी होती अर्थव्यवस्था पर और दबाव के रुप में सामने आएगा। चीन ने वर्ष 1979 में ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ लागू की थी। इसके तहत कई परिवारों को एक से ज्यादा बच्चा पैदा करने से मना कर दिया गया था। इस नीति से जन्मदर में काफी कमी आई। इस की वजह से जब उम्रदराज लोग बढ़ गए और कामगार कम होते गए तब चीन ने परिवारों को दो बच्चे पैदा करने की इजाज़त दी थी।
चीन में ‘टू चाइल्ड पॉलिसी’ के बावजूद 2018 में जन्मदर 25 लाख प्रति वर्ष की दर से कम हो गई, जबकि यह नीति लाते समय यह सोचा गया था कि इससे करीब 8 लाख बच्चे ज़्यादा पैदा होंगे। यह आकलन विस्कॉन्सिन-मैडिसन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर यी फुक्सियन के रिसर्च पर आधारित था। शोधकर्ता यी ने चीनी सरकार से गुज़ारिश की है कि अब वह लोगों के बेडरूम से बाहर निकलकर ‘टू चाइल्ड पॉलिसी’ को खत्म कर दे और लोगों को भत्ता देना शुरू करे।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ी म बोल के महंत ह जताइस सबके आभार, कहिस- परंपरा रही कायम, सबो ल देहूं सम्मान
शोधकर्ता यी ने चेतावनी दी है कि जन्मदर में गिरावट का यह ट्रेंड आगे चलकर शायद ही बदल पाए, क्योंकि बच्चे पैदा करने की उम्र वाली महिलाएं कम होती जा रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और घर की कीमत में वृद्धि के कारण भी दंपति बच्चे पैदा करने के प्रति अरूचि दिखा रहे हैं। यी का आकलन बताता है कि 2018 में करीब 1.15 करोड़ लोगों की मौत हुई थी और कुल जनसंख्या 12 लाख तक घट गई।