रायपुर। विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद सदन में पहली बार बोलते हुए चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ी भाषा में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि छतीसगढ़ की परंपरा है कि जो हमारे प्रति दुराभाव रखता उसे पहले सम्मान से बिठाते हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मतदाताओं का, अपने क्षेत्र सक्ती की जनता का आभार जताया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुझे इस आसन तक पहुंचाने के लिए आप सबका बड़ा योगदान है। मेरे लिए आप सभी एक समान है। अपने मुझे अपने पिता की याद दिलाई। मैंने पिता से सब कुछ सीखा है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को विश्वास दिलाया कि मैं सभी को सम्मान दूंगा। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल, प्रेमप्रकाश पांडे, धरमलाल कौशिक और गौरी शंकर अग्रवाल को भी याद करते हुए कहा कि उन्होंने जो परम्परा कायम की, उसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।
महंत ने कहा कि इसके लिए हम प्रतिबद्ध और वचनबद्ध भी है। हमें सदन की गरिमा का ध्यान रखा होगा और वो आप सब के बगैर संभव नहीं है। हम सर्वकल्याण उद्देश्य से चलें, एक रहें। इसका ख्याल रखा जाए। मुझे भी आप लोगों से बहुत कुछ सीखना है। मत-भेद और मन-भेद में अंतर होता है। हममें मन-भेद नहीं होना चाहिए। मेरी संस्था कांग्रेस है, इसके बावजूद यहां मैं यहां संसदीय प्रणाली से काम करूंगा। मेरे लिए आप सभी एक समान है।
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विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने सदन में भाजपा को मुख्य विपक्षी दल और उनके नेता धरमलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें कि विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद यह विधानसभा का पहला सत्र है। पिछले बार की सत्ताधारी बीजेपी इस बार विपक्ष की भूमिका में है।
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