विकासशील देशों की सहायता में भूगोल या ज्यामिति से हमारा दृष्टिकोण परिभाषित नहीं होता : भारत | Geography or geometry does not define our approach in aid of developing countries: India

विकासशील देशों की सहायता में भूगोल या ज्यामिति से हमारा दृष्टिकोण परिभाषित नहीं होता : भारत

विकासशील देशों की सहायता में भूगोल या ज्यामिति से हमारा दृष्टिकोण परिभाषित नहीं होता : भारत

विकासशील देशों की सहायता में भूगोल या ज्यामिति से हमारा दृष्टिकोण परिभाषित नहीं होता : भारत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:30 pm IST
Published Date: September 11, 2020 1:20 pm IST

(योशिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 11 सितंबर (भाषा) संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि नागराज नायडू ने कहा है कि विकासशील देशों की मदद करने में उनके देश का दृष्टिकोण कभी भी भूगोल या ज्यामिति से परिभाषित नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि दक्षिण-दक्षिण सहयोग एक विकास साझेदारी है और यह दान देने वाले और दान लेने वाले के बीच का संबंध नहीं है।

नायडू बृहस्पतिवार को ‘‘कोविड-19 से आगे दक्षिण-दक्षिण एकजुटता के जरिए सतत विकास लक्ष्य की ओर मार्ग’’ संबंधी संयुक्त राष्ट्र दिवस पर यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि भारत सभी विकासशील देशों की प्रगति, क्षमता निर्माण और परस्पर सीख के लिए क्षेत्रीय और वैश्विक, दोनों स्तर पर दक्षिण-दक्षिण सहयोग के सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्ध है।

नायडू ने कहा कि भारत ने दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए गहरी और स्थायी प्रतिबद्धता के साथ काम किया है। वह इसे विकास साझेदारी के रूप में देखता है, न कि दान देने वाले और दान लेने वाले के बीच के संबंधों के रूप में।

नायडू ने कहा कि इस साल दक्षिण-दक्षिण सहयोग दिवस ऐसे समय आया है जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी की चुनौती से जूझ रही है।

उन्होंने कहा कि हालांकि चुनौतीपूर्ण समय में विशेष उपायों की जरूरत होती है और वैश्विक दक्षिण को इस महामारी के दौरान और भी मिलकर काम करना चाहिए और सामूहिक यात्रा में बेहतर समाधान खोजना चाहिए।

उन्होंन कहा कि भले ही भारत महामारी से प्रभावित है लेकिन वह सहयोगी विकासशील देशों की सहायता के उद्देश्य से कोविड-19 से मुकाबला करने की खातिर संयुक्त वैश्विक कार्रवाई के आह्वान में सबसे आगे रहा है।

उन्होंने इस क्रम में महामारी के बीच अन्य देशों की मदद के लिए भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 120 से अधिक विकसित और विकासशील देशों को चिकित्सा से संबंधित सहायता दी है।

भाषा

अविनाश नरेश

नरेश

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