पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा, गिलगित-बाल्टिस्तान में कराए विधानसभा चुनाव, कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान संपन्न, मतगणना शुरू | Gilgit-Baltistan Assembly elections: Polling held amidst tight security, counting begins

पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा, गिलगित-बाल्टिस्तान में कराए विधानसभा चुनाव, कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान संपन्न, मतगणना शुरू

पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा, गिलगित-बाल्टिस्तान में कराए विधानसभा चुनाव, कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान संपन्न, मतगणना शुरू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : November 15, 2020/4:42 pm IST

इस्लामाबाद, 15 नवंबर (भाषा) । उत्तरी पाकिस्तान में गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों ने कड़ी सुरक्षा के बीच तीसरे विधानसभा चुनावों में हिस्सा लिया। इस दौरान कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये लोग मास्क लगाए और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते दिखे।

भारत ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के फैसले को लेकर पाकिस्तान की निंदा करते हुए कहा है कि सैन्य कब्जे वाले क्षेत्र की स्थिति को बदलने के लिये की गई किसी भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है।

मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम पांच बजे शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया और किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

वोटों की गिनती शुरू हो गई है और पूरे परिणाम कल तक आ सकते हैं।

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इससे पहले मतदान अधिकारियों ने कहा था कि मतदान केंद्रों के अंदर मौजूद मतदाताओं को मतदान का समय समाप्त होने के बावजूद वोट डालने दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 24 सीटों पर चुनाव होना था लेकिन एक सीट पर मतदान स्थगित होने के चलते अब 23 सीटों पर चुनाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन सीटों पर चार महिलाओं समेत कुल 330 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

‘डॉन’ अखबार ने खबर दी है कि चुनावों में धांधली का आरोप लगाते हुए विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के महासचिव नैयर बुखारी ने सत्तारूढ़ पीटीआई के उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराने की मांग की।

उन्होंने बयान जारी कर कहा, ‘‘चुनाव के दौरान विकास परियोजनाओं की घोषणा करना स्पष्ट रूप से धांधली का संकेत है।’’

खबर में बताया गया कि विदेश मंत्री और पीटीआई के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी ने चुनावों में धांधली के आरोपों से इंकार किया है।

गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की पाकिस्तान की योजना का भारत ने विरोध किया है।

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भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने सितंबर में एक डिजिटल प्रेस ब्रीफिंग में कहा था, “सैन्य कब्जे वाले तथाकथित ‘गिलगित-बाल्टिस्तान’ में स्थिति को बदलने के लिये पाकिस्तान द्वारा की गई किसी भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है और यह शुरू से ही अमान्य है।”

श्रीवास्तव ने कहा था, “हमारी स्थिति स्पष्ट व सतत है। जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के तहत आने वाला समस्त क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग रहा है और है तथा आगे भी रहेगा।”

राजनीतिक सुधारों के 2010 में लागू होने के बाद विधानसभा का यह तीसरा चुनाव है।

कुल 1141 मतदान केंद्रों में से 577 को संवेदनशील व 297 को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। गिलगित-बाल्टिस्तान, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान से 15 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को मतदान केंद्रों पर तैनात किया गया है। हालांकि सैन्य कर्मियों की तैनाती नहीं हुई है।

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विशेषज्ञों ने यहां पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच कड़े त्रिकोणीय मुकाबले का अनुमान लगाया है।

परंपरागत रूप से, केंद्र में सत्ताधारी दल गिलगित- बाल्टिस्तान में चुनाव जीतता है।

पीपीपी ने 23 उम्मीदवार उतारे हैं जबकि पीएमएल-एन ने 21 प्रत्याशी खड़े किये हैं। पीटीआई ने दो सीटों पर स्थानीय दलों के साथ तालमेल किया है और शेष सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। क्षेत्र में शिया मुसलमानों की खासी आबादी है।