ह्यूस्टन विश्ववद्यालय ने कोरोना टीका के लिए भारतीय-अमेरिकी की कंपनी को सहयोगी बनाया

ह्यूस्टन विश्ववद्यालय ने कोरोना टीका के लिए भारतीय-अमेरिकी की कंपनी को सहयोगी बनाया

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  • Publish Date - October 14, 2020 / 10:12 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

(सीमा हखू कचरू)

ह्यूस्टन (अमेरिका), 14 अक्टूबर (भाषा) ह्यूस्टन विश्ववद्यालय ने कोविड-19 जैसी बीमारियों के लिए टीका विकसित करने की खातिर एक भारतीय-अमेरिकी द्वारा सह-स्थापित बायोटेक कंपनी ऑरावेक्स थेराप्यूटिक्स के साथ हाथ मिलाया है।

हालांकि ऑरावेक्स के पास नयी टीका तकनीक का लाइसेंस लेने का विकल्प है जिसे भारतीय-अमेरिकी सह-संस्थापक नवीन वरदराजन ने विकसित किया है।

वरदराजन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कोविड​​-19 महामारी से निपटने के लिए एक सुरक्षित और टिकाऊ टीका की जरूरत है क्योंकि इस महामारी ने दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित किया गया है और 6,20,000 से अधिक लोगों की मौत हुयी है।

उन्होंने कहा कि हमारी योजना श्वसन वायरस कोविड-19 को नाक के पास ही रोकने की है और हमारा मानना है कि इस बीमारी के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की खातिर हमारा अलग नजरिया है।

पूर्व-क्लीनिकल प्रयोगों के आधार पर वरदराजन ने कहा कि उनकी तकनीक न केवल ‘म्यूकोसल’ प्रतिरक्षा को बल्कि व्यवस्थित रूप से प्रतिरक्षा क्षमता को भी बढ़ावा देती है।

कंपनी ऑरावेक्स अपनी टीका प्रणाली को ‘अगली पीढ़ी’ का बताती है जिसके तहत घर पर भी टीका दिया जा सकता है।

वरदराजन ने कहा कि हम ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के साथ सहयोग को लेकर उत्साहित हैं और विभिन्न श्वसन वायरसों पर काबू के लिए इस टीका के विकास को आगे बढ़ाते हुए भविष्य की सफलता के प्रति उत्सुक हैं।

उन्होंने कहा कि हम इसकी शुरूआत कोविड-19 से कर रहे हैं।

ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष (शोध और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण) ए एलनाशाई ने कहा कि ऑरावेक्स हमारे लिए एक आदर्श सहयोगी है। इस सहयोग को उनका पूरे दिल से समर्थन है।

भाषा

अविनाश मनीषा

मनीषा