भारत ने भूटान को 1,500 करोड़ रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन देने पर विचार करने को कहा

भारत ने भूटान को 1,500 करोड़ रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन देने पर विचार करने को कहा

भारत ने भूटान को 1,500 करोड़ रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन देने पर विचार करने को कहा
Modified Date: July 20, 2024 / 06:34 pm IST
Published Date: July 20, 2024 6:34 pm IST

थिंपू, 20 जुलाई (भाषा) भारत ने अगले 18 महीने में आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत भूटान को 1,500 करोड़ रुपये प्रदान करने पर सकारात्मक रूप से विचार करने के लिए सहमति जताई है। शनिवार को विदेश सचिव विक्रम मिसरी की भूटान यात्रा के अंतिम दिन और भूटानी नेताओं के साथ व्यपाक वार्ता के बाद यह सहमति बनी है।

पिछले सप्ताह कार्यभार संभालने के कुछ दिन बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर आए मिस्री ने भूटान के अपने समकक्ष ओम पेमा चोडेन के साथ भारत-भूटान विकास साझेदारी के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यान्वयन के तौर-तरीकों और सहयोग की समीक्षा की।

संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ, मैत्रीपूर्ण संबंध और लोगों के बीच घनिष्ठ सहयोग से युक्त अनुकरणीय साझेदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की।

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नयी दिल्ली और थिम्पू द्वारा जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि द्विपक्षीय सहयोग में विकास साझेदारी, ऊर्जा, व्यापार और निवेश, संपर्क एवं व्यापार अवसंरचना, प्रौद्योगिकी, लोगों के बीच संबंध, तथा पारस्परिक महत्व के अन्य क्षेत्रीय मुद्दे शामिल हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है, “भूटान सरकार ने भारत सरकार को आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम (ईएसपी) के तहत प्रस्तावित गतिविधियों की जानकारी दी। भारतीय पक्ष ने प्रस्तावों के क्रियान्वयन की प्रगति के तहत पहले डेढ़ साल में ईएसपी की पूरी राशि 15 अरब नु यानी 1,500 करोड़ रुपये देने पर सकारात्मक रूप से विचार करने पर सहमति जताई।”

चोडेन के निमंत्रण पर भूटान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर यहां आए मिसरी ने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की। उन्होंने शुक्रवार को प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और विदेश एवं बाह्य व्यापार मंत्री डी एन धुंग्याल से मुलाकात की थी।

शनिवार को दोनों विदेश सचिवों ने तीसरी भारत-भूटान विकास सहयोग वार्ता की सह-अध्यक्षता की, जिसे आमतौर पर विकासात्मक सहयोग और आपसी हितों पर केंद्रित 13वीं पंचवर्षीय योजना की ‘योजना वार्ता’ कहा जाता है।

थिंपू में स्थित भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘विदेश सचिव विक्रम मिसरी और विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन ने 13वीं पंचवर्षीय योजना की तीसरी विकास सहयोग वार्ता की सह-अध्यक्षता की।’

दूतावास ने कहा, “13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के अंतर्गत विकास साझेदारी के विविध क्षेत्रों में कार्यान्वयन के तौर-तरीकों एवं सहयोग की समीक्षा की गई।”

भारत कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, सांस्कृतिक विरासत, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, कृषि, कौशल और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में भूटान सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान कर रहा है।

दोनों पक्षों ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत बड़ी संख्या में कार्यान्वित की गई भूटान-भारत विकास परियोजनाओं पर संतोष व्यक्त किया।

दोनों विदेश सचिवों ने भूटान में 19 स्कूलों का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया, जिनका निर्माण 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान किया गया था।

मिस्री दो दिवसीय यात्रा पर भूटान आए हैं, हाल ही में कार्यभार संभालने के बाद यह उनका पहला विदेश दौरा है।

मिस्री ने शुक्रवार को भूटान के प्रधानमंत्री ल्योंचेन दाशो शेरिंग तोबगे और विदेश मंत्री ल्योंपो डी एन धुंग्येल से मुलाकात की थी।

भाषा जोहेब माधव

माधव


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