भारत को मिला पुराने दोस्त रूस का साथ, 23 जून को रूस-भारत-चीन की बैठक में शामिल होंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारत को मिला पुराने दोस्त रूस का साथ, 23 जून को रूस-भारत-चीन की बैठक में शामिल होंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारत को मिला पुराने दोस्त रूस का साथ, 23 जून को रूस-भारत-चीन की बैठक में शामिल होंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: June 19, 2020 11:55 am IST

नई दिल्ली। लद्दाख के गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झ़ड़प के बाद अब रूस ने भारत को अपना समर्थन दिया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गे लावरोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बनने पर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर को बधाई दी। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन और भारत के तनाव को लेकर भी चर्चा की।

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23 जून को रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय डिजिटल कॉन्फ्रेंस होगी। इस सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा चीन के विदेश मंत्री वांग यी और उनके रूसी समकक्ष सर्जेई लावरोव हिस्सा लेंगे। इससे पहले गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद बैठक को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी। लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बैठक में जयशंकर के भाग लेने की पुष्टि की है।

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इस बैठक में कोरोना वायरस महामारी पर और वैश्विक सुरक्षा एवं वित्तीय स्थिरता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी। सूत्रों ने परंपराओं का हवाला देते हुए कहा कि बैठक में भारत और चीन के बीच सीमा पर बने हुए गतिरोध पर चर्चा की संभावना नहीं है क्योंकि त्रिपक्षीय वार्ता के प्रारूप में सामान्य तौर पर द्विपक्षीय विषयों पर बातचीत नहीं की जाती। रूस पहले ही कह चुका है कि भारत और चीन को सीमा विवाद बातचीत के जरिए सुलझा लेना चाहिए तथा दोनों देशों के बीच सकारात्मक संबंध क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी हैं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com