भारत-रूस संबंध भू-राजनीतिक वास्तविकताओं और पारस्परिक लाभ दर्शाते हैं: जयशंकर

भारत-रूस संबंध भू-राजनीतिक वास्तविकताओं और पारस्परिक लाभ दर्शाते हैं: जयशंकर

भारत-रूस संबंध भू-राजनीतिक वास्तविकताओं और पारस्परिक लाभ दर्शाते हैं: जयशंकर
Modified Date: December 27, 2023 / 08:25 pm IST
Published Date: December 27, 2023 8:25 pm IST

मॉस्को, 27 दिसंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत-रूस संबंध भू-राजनीतिक वास्तविकताओं, रणनीतिक भागीदारी और पारस्परिक लाभ को दर्शाते हैं।

जयशंकर ने यहां रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ “सार्थक” बैठक की और इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्थिति और समसामयिक मुद्दों पर बात की।

रूस की पांच दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने लावरोव के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र, यूक्रेन संघर्ष, गाजा स्थिति, अफगानिस्तान और मध्य एशिया, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन, जी20 और संयुक्त राष्ट्र पर भी विचार-विमर्श किया।

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जयशंकर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक व्यापक और उपयोगी बैठक हुई। रणनीतिक साझेदार के रूप में, अंतरराष्ट्रीय स्थिति और समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की गई।’”

उन्होंने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग, ऊर्जा व्यापार, कनेक्टिविटी प्रयासों, सैन्य-तकनीकी सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क में हुई प्रगति का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘2024-28 की अवधि के लिए परामर्श प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। भारत-रूस संबंध भू-राजनीतिक वास्तविकताओं, रणनीतिक भागीदारी और पारस्परिक लाभ को दर्शाते हैं।’

जयशंकर ने वार्ता के बाद लावरोव के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘हमारे लिए, रूस एक मूल्यवान साझेदार है, समय की कसौटी पर परखा हुआ साझेदार है। यह एक ऐसा रिश्ता है जिससे भारत और रूस दोनों को काफी फायदा हुआ है।’

इससे पहले बैठक की शुरुआत में जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समय समय पर एकदूसरे से बात करते रहे हैं।

जयशंकर ने कहा, “हमारे संबंध बेहद मजबूत, बेहद स्थिर हैं। और मुझे लगता है कि हम एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पर खरे उतरे हैं। इस साल हम पहले ही छह बार मिल चुके हैं और यह सातवीं बैठक है।”

उन्होंने कहा कि आज की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया, इसे बदलती परिस्थितियों और मांगों के अनुसार समायोजित किया।

जयशंकर ने कहा कि इस साल दोनों पक्ष सहयोग की अलग-अलग अभिव्यक्तियों के गवाह बने। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बैठकों में व्लादिवोस्तोक में सुदूर पूर्वी आर्थिक मंच पर सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच में हमारी उपस्थिति का भी उल्लेख करूंगा। साथ ही, द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर भारत, रूस अंतर सरकारी आयोग, जिसकी मैंने उप प्रधान मंत्री डेनिस मंतुरोव के साथ सह-अध्यक्षता की।’’

उन्होंने कहा, ‘हम निरंतर प्रगति देखकर बहुत खुश हैं और हमें जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात बैठक में मजबूत रूसी भागीदारी की उम्मीद है।’

लावरोव ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध बहुत पुराने हैं और बहुत अच्छे हैं, साथ ही यह देखना सुखद है कि वे वर्तमान समय में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।

भाषा जोहेब अमित

अमित


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