भारत शांति के लिए ‘बंद मुट्ठी के साथ नहीं, बल्कि खुले हाथों’ से आगे आए: बिलावल भुट्टो

भारत शांति के लिए ‘बंद मुट्ठी के साथ नहीं, बल्कि खुले हाथों’ से आगे आए: बिलावल भुट्टो

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Modified Date: May 6, 2025 / 08:46 PM IST
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Published Date: May 6, 2025 8:46 pm IST

इस्लामाबाद, छह मई (भाषा) पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी ने मंगलवार को कहा कि अगर भारत शांति चाहता है, तो उसे ‘‘मुट्ठियां बंद करके नहीं बल्कि खुले हाथों से’’ आगे आना चाहिए।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री रह चुके बिलावल ने यह टिप्पणी नेशनल असेंबली सत्र के दौरान की, जहां क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर चर्चा हुई।

बिलावल ने भारत और पाकिस्तान दोनों से मिलकर काम करने का आग्रह किया और कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का ‘‘निष्पक्ष जांच के लिए भारत को चुनौती देना एक शुरुआत है।’’

उन्होंने कहा कि भारत को यह प्रस्ताव स्वीकार कर लेना चाहिए।

बिलावल ने कहा, ‘‘यदि भारत शांति के मार्ग पर चलना चाहता है, तो उसे खुले हाथों से आना चाहिए, मुट्ठी बांधकर नहीं…आइए हम पड़ोसी की तरह बैठें और सच बोलें।’’

पीपीपी नेता ने कहा कि पाकिस्तान युद्ध की स्थिति में संघर्ष के लिए नहीं बल्कि आजादी के लिए लड़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि वे (भारत) शांति नहीं चाहते हैं… तो उन्हें याद रखना चाहिए कि पाकिस्तान के लोग घुटने टेकने के लिए नहीं बने हैं। पाकिस्तान के लोगों में लड़ने का संकल्प है, इसलिए नहीं कि हमें संघर्ष पसंद है, बल्कि इसलिए कि हमें आजादी पसंद है।’’

बिलावल ने कहा, ‘‘भारत को निर्णय करने दीजिए। यह वार्ता होगी या विनाश? सहयोग होगा या टकराव?’’

उन्होंने कहा कि आतंकवाद को अकेले टैंक से नहीं हराया जा सकता। पीपीपी नेता ने कहा, ‘‘इसे (आतंकवाद को) न्याय के साथ पराजित किया जाना चाहिए। इसे गोलियों से नहीं उखाड़ा जा सकता, इसे उम्मीद के साथ निरस्त्र किया जाना चाहिए। इसे राष्ट्रों को शैतान बताकर नहीं हराया जा सकता, बल्कि इसे जन्म देने वाली शिकायतों को दूर करके हराया जा सकता है।’’

पिछले सप्ताह बिलावल ने तब खून-खराबे की धमकी दी थी जब भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने सहित पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की थी।

भाषा नेत्रपाल रंजन

रंजन

 

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