लंदन। आयरलैंड में अब गर्भपात वैध माना जाएगा। गर्भपात पर लगे प्रतिबंध के विरोध में हुए जनमत संग्रह में 66.%4 लोगों ने इसे हटाने के लिए मतदान किया, जबकि 33 फीसदी लोग चाहते थे कि प्रतिबंध बना रहे। गर्भपात की अनुमति न मिलने के कारण 2012 एक भारतीय महिला की मौत के बाद से ही देश में गर्भपात पर प्रतिबंध के खिलाफ मुहिम शुरु हो गई थी।
आयरलैंड में अब तक महिला को जान का खतरा होने के हालात में ही गर्भपात की अनुमति थी, जबकि बलात्कार के मामलों में भी एबॉर्शन की इजाजत नहीं थी। भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लियो वरदकर ने जनमत संग्रह के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा, ‘लोगों ने अपनी राय जाहिर कर दी। उन्होंने कहा, एक आधुनिक देश के लिए एक आधुनिक संविधान की जरूरत है’।
यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री ने किया दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का उद्घाटन
वरदकर ने कहा कि आयरलैंड के मतदाता, ‘महिलाओं के सही निर्णय लेने और अपने स्वास्थ्य के संबंध में सही फैसला करने के लिए उनका सम्मान और उन पर यकीन करते हैं’। उन्होंने कहा कि हमने जो देखा वह आयरलैंड में पिछले 20 साल से हो रही शांत क्रांति की पराकाष्ठा है।
बता दें कि आयरलैंड के एक कैथोलिक देश होने का हवाला देकर 2012 में सविता को गर्भपात की इजाजत नहीं मिली थी। इसी वजह से 31 वर्षीय भारतीय दंत चिकित्सक सविता को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। तब सविता 17 हफ्तों की गर्भवती थीं।
वेब डेस्क, IBC24