इजराइल के विदेश मंत्री अगले सप्ताह भारत आएंगे, द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे

इजराइल के विदेश मंत्री अगले सप्ताह भारत आएंगे, द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे

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  • Publish Date - October 29, 2025 / 05:11 PM IST,
    Updated On - October 29, 2025 / 05:11 PM IST

यरुशलम, 29 अक्टूबर (भाषा) इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार अगले सप्ताह भारत का दौरा करेंगे और देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे तथा द्विपक्षीय पहल और क्षेत्रीय विकास पर चर्चा करेंगे।

इजराइल में एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘सार 4 और 5 नवंबर को नयी दिल्ली की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित अन्य से मुलाकात करेंगे।’

क्षेत्र में उथल-पुथल के बावजूद पिछले दो वर्षों में इजराइल से भारत की कई उच्चस्तरीय यात्राएं हुई हैं, जिनमें हाल में वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिच, अर्थव्यवस्था मंत्री नीर बरकत, कृषि मंत्री एवी डिचर और पर्यटन मंत्री हैम काट्ज़ की यात्राएं शामिल हैं।

भारत और इजराइल ने सितंबर में वित्त मंत्री स्मोट्रिच की यात्रा के दौरान आर्थिक और वित्तीय संबंधों को गहरा करने और दोनों पक्षों के निवेशकों को उचित सुरक्षा उपायों का आश्वासन देने के लिए द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) पर हस्ताक्षर किए थे।

यह समझौता निवेशकों के लिए सहजता का स्तर बढ़ाता है तथा न्यूनतम मानक व्यवहार और गैर-भेदभाव का आश्वासन देकर उनका विश्वास बढ़ाता है, साथ ही मध्यस्थता के माध्यम से विवाद निपटान के लिए एक स्वतंत्र मंच भी उपलब्ध कराता है।

इजराइल ने 2000 से अब तक 15 से ज़्यादा देशों के साथ बीआईटी पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, जापान, फिलीपीन, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका समेत अन्य देश शामिल हैं।

बरकत ने फरवरी में एक बड़े आर्थिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत का दौरा किया था।

इजराइल विभिन्न क्षेत्रों में कामगारों की भारी कमी को दूर करने के लिए भी भारत से मदद मांग रहा है। इजराइल में काम कर रहे भारतीयों की संख्या लगभग 40,000 होने का अनुमान है।

जयशंकर और सार ने इससे पहले फरवरी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी और इजराइल के माध्यम से एशिया, यूरोप और अमेरिका को जोड़ने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दृष्टिकोण पर चर्चा की थी।

दोनों नेताओं ने यमन के हूती समूह और ईरान द्वारा व्यापार मार्गों पर किये जा रहे हमलों से उत्पन्न चुनौतियों पर भी चर्चा की थी।

भाषा आशीष मनीषा

मनीषा