मोरक्को ने फ्रांसीसी अधिकारियों को निशाना बनाने के लिए स्पाइवेयर के इस्तेमाल से किया इनकार

मोरक्को ने फ्रांसीसी अधिकारियों को निशाना बनाने के लिए स्पाइवेयर के इस्तेमाल से किया इनकार

  •  
  • Publish Date - July 21, 2021 / 12:45 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

रबात, 21 जुलाई (एपी) मोरक्को सरकार ने उन खबरों का खंडन किया है कि जिनमें कहा गया है कि देश के सुरक्षा बलों ने संभवत: फ्रांस के राष्ट्रपति और अन्य सार्वजनिक हस्तियों के सेलफोन पर नजर रखने के लिए इजराइल के एनएसओ समूह द्वारा बनाए गए स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया होगा ।

मोरक्को सरकार ने मंगलवार देर रात एक बयान में कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनेताओं को लक्षित करने के लिए एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर के संदिग्ध व्यापक उपयोग की जांच कर रहे एक वैश्विक मीडिया समूह पर निशाना साधा। सरकार ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

समूह के एक सदस्य, फ्रांसीसी अखबार ‘ले मोंडे’ ने बताया कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और फ्रांसीसी सरकार के 15 तत्कालीन सदस्यों के सेलफोन 2019 में मोरक्को की सुरक्षा एजेंसी की ओर से पेगासस स्पाइवेयर द्वारा निगरानी के संभावित लक्ष्यों में से एक हो सकते हैं। फ्रांसीसी सार्वजनिक प्रसारक ‘रेडियो फ्रांस’ ने बताया कि मोरक्को के राजा मोहम्मद षष्ट्म और उनके दल के सदस्यों के फोन भी संभावित लक्ष्यों में शामिल थे।

बयान में कहा गया है, ‘‘मोरक्को साम्राज्य लगातार झूठे, बड़े पैमाने पर और दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान की कड़ी निंदा करता है।’’ सरकार ने कहा कि वह ‘‘इन झूठे और निराधार आरोपों को खारिज करती है, और उन लोगों को उनकी असली कहानियों के समर्थन में कोई ठोस और भौतिक सबूत प्रदान करने की चुनौती देती है।’’

समूह ने पेरिस स्थित ‘जर्नलिज्म नॉन प्रोफिट फॉरबिडन स्टोरीज’ और मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा प्राप्त 50,000 से अधिक सेलफोन नंबरों की लीक सूची से संभावित लक्ष्यों की पहचान की। खबरों में कहा गया है कि सूची में अजरबैजान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, मोरक्को और रवांडा के फोन नंबर भी थे, साथ ही कई अरब शाही परिवार के सदस्यों, राष्ट्राध्यक्षों और प्रधानमंत्रियों के फोन नंबर भी थे।

एनएसओ समूह ने हालांकि इस बात से इनकार किया है कि उसने कभी भी ‘‘संभावित, पिछले या मौजूदा लक्ष्यों की एक सूची’’ बनाए रखी। उसने इन खबरों को ‘‘गलत धारणाओं और अपुष्ट सिद्धांतों से भरा’’ बताया।

एपी देवेंद्र उमा

उमा