(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 13 दिसंबर (भाषा) नेपाल के अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने शनिवार को अंतरिम कार्की सरकार पर ‘‘पक्षपातपूर्ण और असंवैधानिक प्रथाओं’’ का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की। उन्होंने बिना नाम लिए भारत पर भी कटाक्ष किए।
जेन-जेड के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद तीन महीने पहले इस्तीफा देने के लिए मजबूर किए जाने के बाद अपनी पहली सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए ओली ने दावा किया कि उनकी पार्टी सीपीएन-यूएमएल देश का नेतृत्व करने के लिए फिर से मजबूत होगी।
चीन समर्थक माने जाने वाले ओली ने अपनी पार्टी के 11वें महाधिवेशन में भारत पर व्यंग्य करते हुए कई मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2015 में संविधान लागू करने और नेपाल को चीन के साथ जोड़कर ‘भू-संपर्कित देश’ बनाने के समझौतों पर बाहरी तत्वों को आपत्ति हुई थी।
उन्होंने अपनी सीमाओं की रक्षा करने और संप्रभु दावा करने के प्रयासों पर आई तीखी प्रतिक्रियाओं का भी उल्लेख किया। यह स्पष्ट रूप से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को लेकर हुए विवाद की ओर इशारा था, जिन पर भारत अपना दावा करता है।
ओली ने अंतरिम सरकार पर चुनाव-अनुकूल माहौल बनाने के बजाय असंवैधानिक कार्यों में शामिल होने का आरोप लगाया।
उन्होंने सरकार और जेन-जेड के बीच हुए हालिया समझौते को ‘फर्जी’ और ‘देश को टकराव की ओर धकेलने की साजिश’ बताया।
ओली ने मांग की कि सितंबर के जेन-जेड विरोध प्रदर्शनों में हुई तोड़फोड़ और क्षति के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि वह अगले वर्ष पांच मार्च को होने वाले चुनावों से भागेंगे नहीं, लेकिन उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय प्रतिनिधि सभा (एचओआर) को बहाल करेगा। ओली लगातार तीसरी बार पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
भाषा सुमित नेत्रपाल
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