ऑक्सफोर्ड वैज्ञानिक ने कहा- कोरोना से दोबारा फिर बीमार होंगे लोग, हर साल वैक्सीन लगाने की पड़ सकती है जरूरत

ऑक्सफोर्ड वैज्ञानिक ने कहा- कोरोना से दोबारा फिर बीमार होंगे लोग, हर साल वैक्सीन लगाने की पड़ सकती है जरूरत

  •  
  • Publish Date - August 21, 2020 / 09:50 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

ऑक्सफोर्ड। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित साइंटिस्ट और ब्रिटिश सरकार के सीनियर एडवाइजर ने कहा है कि मार्च में कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों को अब दोबारा पॉजिटिव होने का खतरा हो सकता है। सर जॉन बेल ने कहा है कि ताजा रिसर्च से ये पता चलता है कि कोरोना से ठीक होने वाले लोगों में हर महीने 10 से 30 फीसदी तक एंटीबॉडीज घटती जाती हैं।

ये भी पढ़ें:ताइवान ने चीन को करारा जवाब देने की दी धमकी, रक्षा मंत्री ने शेयर किया लड़ाकू…

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में हर महीने एंटीबॉडीज का स्तर घटने का मतलब है कि उन्हें दोबारा कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो वैक्सीन लगाने के बाद भी लोग कुछ ही महीने तक कोरोना से सुरक्षित रह पाएंगे, लोगों को हर साल वैक्सीन लगाने की जरूरत पड़ सकती है।

ये भी पढ़ें: कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद क्या पुतिन की बेटी की मौत हो गई? जानिए …

प्रोफेसर बेल ने कहा- ‘मैं सोचता हूं कि महामारी लंबी चलेगी, दुनिया भर की आबादी के खतरे को कम करने के लिए लोगों को कोरोना वायरस की मौसमी वैक्सीन बार-बार लगानी होंगी। उन्होंने कहा कि एंटीबॉडीज के अलावा लोगों के शरीर में मौजूद टी सेल्स भी कोरोना से बचा सकते हैं। लेकिन बड़ी आबादी में टी सेल्स की मौजूदगी का पता लगाना मुश्किल रहा है।

ये भी पढ़ें: पाकिस्तान के रेल मंत्री बोले- हमारे पास छोटे और सटीक हथियार, असम तक…

प्रोफेसर बेल ने कहा कि सर्दी में स्थिति बिगड़ सकती है, उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना की दूसरी लहर भी आएगी और उससे पहले वैक्सीन लोगों को नहीं मिल पाएगी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने कहा- ‘मेरा संदेह है कि वैक्सीन कुछ हद तक ही काम करेगी। वह लोगों को हमेशा के लिए कोरोना मुक्त नहीं कर देगी। लेकिन आबादी में बड़े पैमाने पर वैक्सीन के उपयोग से कोरोना को कम किया जा सकता है।’