पाकिस्तान के एफएटीएफ की ‘ग्रे’ सूची से निकलने की उम्मीद नहीं : रिपोर्ट

पाकिस्तान के एफएटीएफ की ‘ग्रे’ सूची से निकलने की उम्मीद नहीं : रिपोर्ट

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  • Publish Date - October 21, 2020 / 08:18 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 21 अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तान, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एपएटीएफ) की ‘ग्रे’ सूची में संभवत: बना रहेगा क्योंकि वैश्विक निगरानी कार्य योजना द्वारा दिए गए 27 लक्ष्यों में वह छह का अनुपालन करने में असफल रहा है। यह दावा बुधवार को मीडिया में प्रकाशित खबरों में किया गया।

उल्लेखनीय है कि आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन को रोकने एव निगरानी करने वाली पेरिस से संचालित संस्था की 21 से 23 अक्टूबर के बीच डिजिटल माध्यम से वार्षिक बैठक होगी जिसमें 27 बिंदुओं की कार्य योजना की समीक्षा की जाएगी।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में ‘ग्रे’ सूची में डाला था और इस्लामाबाद को धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की 27 बिंदुओं की कार्य योजना को वर्ष 2019 के अंत तक लागू करने को कहा था , लेकिन कोविड महामारी की वजह से इस मियाद में वृद्धि कर दी गई।

राजनयिक स्रोतों के हवाले से पाकिस्तानी अखबार दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा, ‘‘देश अगले साल जून तक एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर निकलने में सफल होगा।’’

खबर के मुताबिक पाकिस्तान संभवत: एफएटीएफ की ग्रे सूची से नहीं निकल पाएगा लेकिन वह काली सूची में जाने से बच गया है।

मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कर चुका है और निगरानीकर्ता को सूचित किया है कि कार्य योजना के 21 बिंदुओं को उसने लागू कर दिया है।

अखबार के मुताबिक पाकिस्तान ने कार्य योजना के शेष बचे छह बिंदुओं पर भी 20 प्रतिशत प्रगति करने का दावा किया है।

गौरतलब है कि कर्ज से दबे पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ग्रे सूची से निकलने की कोशिश के तहत अगस्त महीने में 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं पर वित्तीय पाबंदी लगाई थी। इनमें 26/11मुंबई हमले का सरगना और जमात-उद दावा प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भी शामिल है।

भाषा धीरज नरेश

नरेश