कोलंबिया के कैली में प्रदर्शनकारियों की हत्या का सिलसिला जारी

कोलंबिया के कैली में प्रदर्शनकारियों की हत्या का सिलसिला जारी

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  • Publish Date - June 2, 2021 / 07:04 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

बोगोटा, दो जून (एपी) कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच कोलंबिया में बढ़ती गरीबी और असमानता का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में शामिल दो लोगों की कैली में मंगलवार तड़के हत्या कर दी गई।

कोलंबिया की संघीय सरकार ने शांति बरकरार रखने के लिए सैकड़ों बलों को दक्षिणपश्चिमी शहर भेजा है, जहां प्रदर्शनकारियों और सरकारी विरोध प्रदर्शनों का विरोध कर रहे आम नागरिकों के बीच झड़पों और सड़कें बाधित किए जाने के कारण पिछले सप्ताह कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई थी।

कैली में नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि मोटरसाइकिल पर आए एक बंदूकधारी ने मंगलवार तड़के दो लोगों की हत्या कर दी। इसके बाद हमलावर फरार हो गया और उसे अभी पकड़ा नहीं जा सका है।

इस बीच, अधिकारी शहर में सड़क मार्ग बाधित कर रहे प्रदर्शनकारियों से मुलाकात कर रहे हैं।

शहर के शांति एवं सहिष्णुता सचिव डेनिस रेंटेरिया ने कहा, ‘‘हम इस प्रकार के दर्दनाक कदमों की निंदा करते हैं। हम कैली में वार्ता, शांति एवं सुलह के लिए कदम उठाना जारी रखेंगे।’’

कैली के मेयर ने पिछले सप्ताह कहा था कि प्रदर्शनों के बीच शुक्रवार को 13 लोगों की मौत हुई।

सोशल मीडिया पर उपलब्ध वीडियो में दिख रहा है कि हमलावरों के पास पुलिस अधिकारी खड़े हैं और भीड़ पर गोलियां चला रहे हमलावरों को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे।

कोलंबिया के मानवाधिकार लोकपाल ने मंगलवार को बताया कि देश में दो सप्ताह पहले शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में अभी तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है।

सरकारी एजेंसी ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान 168 लोगों के लापता होने की खबर भी है।

सरकार द्वारा कथित तौर पर अपने घाटे को कम करने और स्वास्थ्य देखभाल तथा सामाजिक सेवाओं के लिए धन जुटाने के लिए करों में वृद्धि की कोशिश के बाद 28 अप्रैल को देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए थे।

सरकार ने दो मई को अपनी 6.7 अरब डॉलर की कर योजना को वापस ले लिया था और इसके अगले ही दिन वित्त मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया था, लेकिन लोगों ने देशभर में प्रदर्शन जारी रखा।

प्रदर्शनकारी अब पुलिस सेवा में सुधार, एक करोड़ लोगों के लिए एक बुनियादी आय योजना लागू करने और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में मुफ्त ‘ट्यूशन’ सेवा आदि जैसी मांगें पूरी की जाने पर जोर दे रहे हैं।

एपी सिम्मी शाहिद

शाहिद