(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 10 मई (भाषा) पाकिस्तान के प्रमुख अखबारों ने अपने संपादकीय में बुधवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी और इसके बाद हुई व्यापक हिंसा ने प्रदर्शित किया है कि परिदृश्य से उन्हें हटाने से कोई समाधान नहीं निकलेगा, बल्कि यह नकदी के संकट से जूझ रहे देश में ‘अव्यवस्था और अशांति’ को और बढ़ाएगा।
डॉन अखबार ने एक संपादकीय में लिखा है, ‘‘इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया है, और पीछे नहीं लौटा जा सकता। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी और सरकार के बीच टकराव का मतलब है कि जारी राजनीतिक गतिरोध में वार्ता के जरिये कोई सफलता हासिल करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।’’
गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने गिरफ्तारी को भ्रष्टाचार के एक मामले से जोड़ा है। लेकिन हालिया घटनाक्रम और सशस्त्र बलों के साथ खान का टकराव यह बताता है कि उन्हें बिल्कुल ही एक अलग वजह से गिरफ्तार किया गया होगा।
अखबार ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि उन्हें इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद पुलिस के बजाय पंजाब रेंजर्स को भेजा गया…।’’
क्रिकेटर रह चुके खान (70) को अर्द्धसैनिक बल ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के आदेशों पर मंगलवार को उस समय गिरफ्तार किया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के एक कक्ष में थे।
द नेशन अखबार ने लिखा है, ‘‘देश इस वक्त संकट के दौर से गुजर रहा है। राजनीतिक दलों के नेता राष्ट्रहित के बजाय संक्षिप्त अवधि के हितों को तरजीह दे रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि जहां तक खान की बात है, उनके द्वारा नियमित रूप से लगाये जा रहे आक्षेप देशभर में केवल ध्रुवीकरण को बढ़ा रहे हैं और ऐस समय में देश की संस्थाओं का मान घटा रहे हैं, जब सभी को भागीदारी करने की जरूरत है। इसने संभवत: पाकिस्तान के आर्थिक संकट की ओर इशारा करते हुए यह कहा।
अखबार ने कहा, ‘‘यह घटनाक्रम देश में और भी अव्यवस्था और अशांति लाएगा। यदि यह गिरफ्तारी कानूनन है तो भी इससे जुड़े घटनाक्रम समस्याएं पैदा करने वाली हैं। यह मामला एनएबी की जांच का हिस्सा है लेकिन गिरफ्तारी के वक्त एनएबी का कोई अधिकारी नहीं था।’’
डॉन अखबार ने कहा कि हिंसा और प्रदर्शन के वीडियो को देखकर यह पता चलता है कि लोग किसी भी हद को पार कर सकते हैं, जैसा करने का किसी ने कभी दुस्साहस नहीं किया था।
डॉन के सांपदकीय में कहा गया है, ‘‘खान को परिदृश्य से हटाने से कोई समाधान नहीं निकलेगा। इसके बजाय, जैसा कि कल प्रदर्शित हुआ कि उनकी गिरफ्तारी से आम लोगों और सशस्त्र बलों के बीच संबंध काफी बिगड़ सकते हैं।’’
न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, मंगलवार के घटनाक्रम का खान की पार्टी और पाकिस्तान की लोकतांत्रिक व्यवस्था, दोनों पर प्रभाव पड़ेंगे।
भाषा
सुभाष माधव
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