समरकंद, 16 सितंबर (भाषा) शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के नेताओं ने शिखर सम्मेलन के समापन पर जारी एक संयुक्त घोषणापत्र में आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा की । घोषणापत्र में कहा गया कि एससीओ उन आतंकवादियों, अलगाववादियों और चरमपंथी समूहों की एक सूची बनाने की योजना तैयार कर रहा है जिन पर सदस्य देशों में प्रतिबंध है।
शुक्रवार को जारी समरकंद घोषणापत्र पर सदस्य देशों के नेताओं ने हस्ताक्षर किये। घोषणापत्र में कहा गया, “सदस्य देशों के कानूनों और सहमति के आधार पर वे साझा सिद्धांत विकसित करने का प्रयास करेंगे ताकि उन आतंकवादियों, अलगाववादियों और चरमपंथी समूहों की एक सूची बनाई जा सके जिन पर सदस्य देशों में प्रतिबंध है।”
भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि एससीओ का हर सदस्य देश का रुख इस चुनौती के प्रति स्पष्ट है।
रासायनिक और जैविक आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए एससीओ के सदस्य देशों ने ‘रासायनिक हथियारों के विकास, उत्पादन, भंडारण और इस्तेमाल के निषेध’ प्रस्ताव के अनुरूप चलने का आह्वान किया।
घोषणापत्र में कहा गया, “उन्होंने सभी घोषित रासायनिक हथियारों के भंडार नष्ट करने के महत्व पर बल दिया।” अफगानिस्तान के मुद्दे पर सदस्य देशों ने वहां एक समावेशी सरकार बनाने की वकालत की। ईरान के मुद्दे पर एससीओ ने कहा कि ‘जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन’ का क्रियान्वयन जरूरी है।
भाषा यश शोभना
शोभना
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)