चांद से टकराएगा SpaceX का नियंत्रण खो चुका फाल्कन 9 रॉकेट का टुकड़ा, भारत के चंद्रयान पर पड़ेगा ये असर
SpaceX's lost control of the Falcon 9 rocket will hit the moon
एडीलेड, 31 जनवरी (द कन्वरसेशन) वर्ष 2015 में प्रक्षेपित किया गया एक रॉकेट कुछ सप्ताह में चंद्रमा से टकरा सकता है। तेजी से बढ़ रहा अंतरिक्ष कबाड़ का यह टुकड़ा उस स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट का ऊपरी हिस्सा है जो ‘डीप स्पेस क्लाइमेट ऑब्जर्वेटरी’ उपग्रह को पृथ्वी से ले गया था। तब से यह बेतरतीब तरीके से पृथ्वी और चंद्रमा के चक्कर लगा रहा है। क्षुद्रग्रह पर नजर रखने वाले बिल ग्रे इस रॉकेट के प्रक्षेपित होने के बाद से 4-टन वजनी इस बूस्टर पर नजर रख रहे हैं। उन्हें इस महीने पता चला कि उनके ऑर्बिट-ट्रैकिंग सॉफ़्टवेयर ने अनुमान लगाया है कि बूस्टर 9,000 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से आगे बढ़ते हुए चार मार्च को चंद्रमा की सतह से टकराएगा। बूस्टर आगे बढ़ते हुए काफी कलाबाजियां खा रहा है जिसके चलते इसका सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है कि यह कितने वेग से और कब चंद्रमा की सतह से टकराएगा। इसके चंद्रमा के दूसरी ओर टकराने की संभावना है, इसलिए यह पृथ्वी से दिखाई नहीं देगा।
कुछ खगोलविदों का कहना है कि टक्कर ‘कोई बड़ी बात नहीं’ है, लेकिन मेरे जैसे अंतरिक्ष पुरातत्वविद् के लिए यह काफी रोमांचक है। इसके चंद्रमा की सतह से टकराने से चंद्रमा के अंधेरे वाले हिस्से में एक नया गड्ढा बन जाएगा। चंद्रमा के साथ संपर्क करने वाली पहली मानव निर्मित चीज 1959 में सोवियत लूना 2 थी। वह एक असाधारण उपलब्धि थी क्योंकि ऐसा पहले कृत्रिम पृथ्वी उपग्रह स्पुतनिक 1 के प्रक्षेपण के दो साल बाद ही हुआ था। मिशन में एक रॉकेट, एक प्रोब और तीन ‘बम’ शामिल थे। एक बम ने सोडियम गैस का एक बादल छोड़ा था ताकि टक्कर को पृथ्वी से देखा जा सके।
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तत्कालीन सोवियत संघ नहीं चाहता था कि अभूतपूर्व मिशन को एक ‘अफवाह’ कहा जाए। 2009 में जापानी रिले उपग्रह ओकिना की तरह विभिन्न अंतरिक्ष यान पूर्व में कक्षा से बाहर निकल गए हैं। अन्य को उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद जानबूझकर दुर्घटनाग्रस्त किया गया। नासा के एबब और फ्लो अंतरिक्ष यानको 2012 में जानबूझकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से टकराया गया था।

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