कोलंबो, 27 जुलाई (भाषा) श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, पूर्व वित्तमंत्री बासिल राजपक्षे और केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर अजीत निवार्ड कैबराल के देश छोड़ने पर लगी रोक की मियाद दो अगस्त तक बढ़ा दी।
इससे पहले, इनके देश छोड़ने पर रोक 28 जुलाई तक थी।
समाचार वेबसाइट ‘ कोलंबो गैजेट’ के मुताबिक इनके खिलाफ एक समूह ने याचिका दायर की है जिनमें सीलोन चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष चंद्रा जयरत्ने, श्रीलंका के पूर्व तैराकी चैम्पियन जूलियन बोलिंग व जेहान कनगरत्ना और ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल श्रीलंका शामिल हैं।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि है कि ये तीनों प्रत्यक्ष रूप से श्रीलंका के विदेशी कर्ज की अवहनीय स्थिति, कर्ज भुगतान में चूक और मौजूदा आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार हैं।
खबर के मुताबिक श्रीलंका की शीर्ष अदालत ने 15 जुलाई को तीनों के देश छोड़ने पर 28 जुलाई तक रोक लगा दी थी, जिसे अब बढ़ाकर कर दो अगस्त तक कर दिया गया है।
इस महीने के शुरुआत में कोलंबो स्थित भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर यात्रियों और अधिकारियों के विरोध के चलते बासिल को देश छोड़ने से रोक दिया गया था।
गौरतलब है कि महिंदा और बासिल पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के भाई हैं। राजपक्षे निजी विमान के जरिये 14 जुलाई को मालदीव के रास्ते सिंगापुर पहुंचे थे और फिर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सिंगापुर ने गोटबाया राजपक्षे के देश में रहने की अनुमति 11 अगस्त तक बढ़ा दी है।
भाषा धीरज मनीषा
मनीषा
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