अमेरिकी रक्षा नीति विधेयक में क्वाड सहित भारत के साथ संबंधों को व्यापक बनाने पर जोर

अमेरिकी रक्षा नीति विधेयक में क्वाड सहित भारत के साथ संबंधों को व्यापक बनाने पर जोर

अमेरिकी रक्षा नीति विधेयक में क्वाड सहित भारत के साथ संबंधों को व्यापक बनाने पर जोर
Modified Date: December 8, 2025 / 12:22 pm IST
Published Date: December 8, 2025 12:22 pm IST

(योषिता सिंह)

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, आठ दिसंबर (भाषा) अमेरिका के वार्षिक रक्षा नीति विधेयक में भारत के साथ विशेषकर ‘क्वाड’ के माध्यम से सहभागिता बढ़ाने पर जोर दिया गया है ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त एवं खुला बनाए रखने के साझा लक्ष्य को आगे बढ़ाया जा सके और चीन से उत्पन्न चुनौतियों का सामना किया जा सके।

रविवार को संसदीय नेताओं द्वारा जारी वित्त वर्ष 2026 के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार अधिनियम (एनडीएए) में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा गठबंधनों और साझेदारियों पर अमेरिकी संसद की राय को रेखांकित किया गया है।

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विधेयक में कहा गया है कि रक्षा मंत्री को चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में अमेरिका की तुलनात्मक बढ़त को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में अमेरिकी रक्षा सहयोगियों और साझेदारियों को मजबूत करने के प्रयास जारी रखने चाहिए।

इन प्रयासों में ‘‘भारत के साथ अमेरिकी संबंधों को व्यापक बनाना, जिसमें चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) के माध्यम से द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों तथा सैन्य अभ्यासों में भागीदारी, रक्षा व्यापार का विस्तार तथा मानवीय सहायता और आपदा प्रतिक्रिया पर सहयोग के माध्यम से एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा उद्देश्य को आगे बढ़ाना शामिल है।’’

क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं तथा इसे 2017 में हिंद-प्रशांत में चीन के आक्रामक रवैये का सामना करने के लिए स्थापित किया गया था।

रक्षा नीति विधेयक में यह भी प्रावधान है कि रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत करने के लिए एक सुरक्षा पहल शुरू करें।

विधेयक के एक अन्य हिस्से में अमेरिका और भारत के बीच परमाणु दायित्व नियमों पर संयुक्त मूल्यांकन की बात कही गई है। इसके तहत 2008 के भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु समझौते के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए एक परामर्श तंत्र बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत के परमाणु दायित्व नियमों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के अवसरों पर चर्चा करना है।

साथ ही विधेयक में भारत को औपचारिक रूप से ‘‘सहयोगी या भागीदार देश’’ की श्रेणी में शामिल किया गया है।

भाषा गोला सिम्मी

सिम्मी


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