अमेरिकी सीनेट में यूक्रेन को सहायता देने संबंधी प्रस्ताव गिरा, बाइडन ने ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया

अमेरिकी सीनेट में यूक्रेन को सहायता देने संबंधी प्रस्ताव गिरा, बाइडन ने ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया

अमेरिकी सीनेट में यूक्रेन को सहायता देने संबंधी प्रस्ताव गिरा, बाइडन ने ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया
Modified Date: February 7, 2024 / 11:21 am IST
Published Date: February 7, 2024 11:21 am IST

वाशिंगटन, सात फरवरी (एपी) अमेरिकी सीनेट में राष्ट्रपति जो बाइडन की अपील के बावजूद रिपब्लिकन पार्टी के समर्थन वापस लेने के कारण सीमा प्रवर्तन उपायों और यूक्रेन को मदद देने संबंधी एक प्रस्ताव मंगलवार को गिर गया।

बाइडन ने इस प्रस्ताव के गिरने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया है।

राष्ट्रपति बाइडन की टिप्पणियों के कुछ मिनटों बाद सीनेट में रिपब्लिकन नेता मिच मैक्कॉनेल संसद भवन से बाहर आए और उन्होंने इस प्रस्ताव के गिरने की पुष्टि की।

 ⁠

यह घटनाक्रम दिखाता है कि संसद पर ट्रंप का प्रभाव बढ़ रहा है और बाइडन की विदेश नीति बेअसर साबित हो रही है जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूरोप में अपना दबदबा बढ़ाने से रोकना अहम है।

अब कोई निधि न होने के कारण पेंटागन युद्ध के तीसरे साल में प्रवेश करने पर यूक्रेन को और हथियारों की खेप नहीं भेज पा रहा है। रूस के युद्ध लड़ रहा यूक्रेन हथियारों और सैन्य कर्मियों की कमी से जूझ रहा है।

बाइडन ने कहा, ‘‘यूक्रेन को कोई नयी मदद दिए बिना गुजर रहे हर सप्ताह, हर महीने का मतलब है कि यूक्रेन के पास रूसी आक्रमण से अपना बचाव करने के लिए तोप के कम गोले, कम हवाई रक्षा प्रणाली, कम उपकरण है।’’

वहीं, बाइडन ने यूक्रेन के लिए सहायता के साथ ही अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर अवैध शरणार्थियों को रोकने के लिए 60 अरब डॉलर की योजना पर सीनेट के नेताओं के साथ महीनों तक बातचीत की।

रिपब्लिकन पार्टी के इस प्रस्ताव को खारिज करने के बाद राष्ट्रपति और सांसदों के पास अब कांग्रेस के जरिए यूक्रेन को सहायता देने का कोई साफ रास्ता नहीं बचा है।

बाइडन ने इस प्रस्ताव के गिरने के लिए ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया है जो नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिक पार्टी की तरफ से उनके प्रतिद्वंद्वी हैं।

सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने मंगलवार को ‘‘अमेरिकी सीनेट में एक निराशाजनक दिन’’ बताया।

सदन में रिपब्लिकन नेता मंगलवार रात को इजराइल के लिए 17.6 अरब डॉलर के सैन्य सहायता पैकेज को पारित करने में भी नाकाम रहे।

इस बीच, व्हाइट हाउस ने कहा कि भारत और जापान समेत नौ देशों में अमेरिकी राजदूतों ने कांग्रेस को पत्र लिखकर मंगलवार को उससे राष्ट्रपति के ‘राष्ट्रीय सुरक्षा पूरक निधि’ प्रस्ताव को तुंरत पास करने का अनुरोध किया जिसमें यूक्रेन, इजराइल और हिंद-प्रशांत के लिए सहायता का प्रावधान है।

व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने पत्रकारों से कहा कि हिंद-प्रशांत में नौ देशों में अमेरिकी राजदूतों ने पत्र भेजा है।

जिन देशों के राजदूतों ने पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं उनमें दक्षिण कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फिलीपीन, भारत, चीन, न्यूजीलैंड, मलेशिया और वियनाम शामिल हैं।

एपी गोला शोभना

शोभना


लेखक के बारे में