मॉस्को, 23 अप्रैल (भाषा) रूस और अमेरिका यूक्रेन शांति समझौते पर अपनी वार्ता को तब तक रोक सकते हैं जब तक कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय देशों के नेता क्रीमिया को सौंपने पर सहमत नहीं हो जाते। कुछ विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी।
विशेषज्ञों की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब यूक्रेन पर लंदन में होने वाली वार्ता को विशेषज्ञ स्तर का कर दिया गया, क्योंकि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और पश्चिम एशिया के लिए अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने अपनी यात्रा रद्द कर दी, जिसके बाद फ्रांस और जर्मनी के विदेश मंत्री भी इसमें शामिल नहीं हुए।
यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड में प्रतिबंधित वेब आधारित समाचार पोर्टल ‘‘लेंटा.रु’’ के अनुसार, रूस यूक्रेन मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालकर द्विपक्षीय और ईरान परमाणु वार्ता सहित पश्चिम एशियाई मुद्दों पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हो सकता है।
रिपोर्टर अलेक्जेंडर युमाशेव के हवाले से ‘लेंटा.रु’ पोर्टल ने खबर में कहा है, ‘‘जब तक जेलेंस्की अपने पद पर बने रहेंगे, ऐसा लगता है कि आगे की सभी वार्ताएं, अगर स्थगित नहीं भी की जाएंगी, तो धीमी गति से होंगी।’’
इस बीच, रूस के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यूक्रेन संकट बहुत जटिल है और इसे रातोंरात हल नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने पश्चिमी मीडिया में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना के विवरण के ‘‘खुलासे’’ से प्रभावित नहीं होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि रूस घोषणा करेगा कि ट्रंप के पश्चिम एशिया दूत स्टीव विटकॉफ रूस कब आएंगे।
‘इजवेस्टिया’ अखबार में कहा गया है, ‘‘यूक्रेन संकट को हल करने के लिए ट्रंप की नयी शांति योजना संघर्ष से अमेरिका की वापसी का संकेत है।’’
भाषा आशीष माधव
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