65 साल से सूनी है इस गांव के भाइयों की कलाई, इसी दिन बच्चा पैदा होने का है पूरे गांव को इंतजार, जानिए क्यों नहीं मनाते त्योहार | raksha bandhan 2021 : people of this up village scared to celebrate rakhi

65 साल से सूनी है इस गांव के भाइयों की कलाई, इसी दिन बच्चा पैदा होने का है पूरे गांव को इंतजार, जानिए क्यों नहीं मनाते त्योहार

65 साल से सूनी है इस गांव के भाइयों की कलाई! raksha bandhan 2021 : people of this up village scared to celebrate rakhi

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : August 21, 2021/5:32 pm IST

गोंडा: सावन महीने के अंतिम दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन हर बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा का वचन लेंती है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि दौपदी ने इसी दिन भगवान श्री कृ​ष्ण को रक्षा सूत्र बांधा था, तब से ये परंपरा चली आ रही है। लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश का एक ऐसा गांव भी है, जहां पिछले लगभग 7 दसक से राखी का त्योहार नहीं मनाया गया है। रक्षाबंधन नहीं मनाने की वजह भी हैरान करने वाला है। तो चलिए आपको बताते हैं इस गांव के ​लोग आखिर क्यों वर्षों से रक्षाबंधन नहीं मना रहे हैं।

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हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के गौंडा जिले में स्थित भीकमपुर जगत पुरवा गांव की, ये वही गांव है जहां पिछले 65 साल से भाइयों की कलाई सूनी है। बताया जाता है कि इस गांव में रक्षाबंधन को लेकर कोई उत्साह नहीं रहता। हैरानी की बात ये है कि यहां लोग रक्षाबंधन का नाम सुनकर भी कांप जाते हैं। ग्रामीणों की मानें तो गांव रक्षाबंधन के दिन ही अप्रीय घटना हुई थी, जिसके बाद से यहां लोग इस त्योहार को नहीं मनाते।

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साल 1955 में आखिरी बार मनाया गया था रक्षाबंधन

बताया जाता है कि इस गांव में आखिरी बार आजादी के आठ साल बाद रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया था। लेकिन इसी दिन ही गांव के एक युवक की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद से यहां राखी का त्योहार नहीं मनाया जाता। हालांकि करीब एक दसक पहले यहां किसी ने रक्षाबंधन मनाने की कोशिश की थी, लेकिन फिर अप्रीय घटना हुई, जिसके बाद गांव के बुजुर्गों ने रक्षा बंधन नहीं मनाने का फैसला किया।

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इस बच्चे के पैदा होने के बाद मनाया जाएगा रक्षाबंधन

ग्रामीणों की ऐसी मान्यता है कि अगर गांव में कोई बच्चा रक्षाबंधन के दिन पैदा हो तो इस त्योहर को मनाने की फिर से शुरूआत की जा सकती है। पूरे गांव को इस दिन बच्चा पैदा होने का इंतजार है। लेकिन पिछले 65 साल से रक्षाबंधन के दिन बच्चा पैदा नहीं हुआ है। इस लम्हे का इंतजार देखते-देखते करीब तीन पीढ़ियां गुजर गई हैं। सालों से यहां हर भाई की कलाई सूनी ही नजर आती है।

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