भोपाल। MP Assembly Elections 2023 किसी भी लड़ाई में दुश्मन से लड़ना तो फिर भी आसान होता है लेकिन सामने यदि कोई अपना ही हो तो जीतना कई बार मुश्किल हो जाता है जिंदगी की ये सच्चाई सियासत में भी पूरी तरह फिट बैठती है क्योंकि चुनाव में किसी लड़ाई से कम नहीं और पार्टी का बागी किसी अपने जैसा ही होता है और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में दोनों ही पार्टियों के लिए नाराज नेता परेशानी की वजह बन चुके हैं क्योंकि उन्हें मनाने की सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं। जी हां कई बागी अभी भी मैदान में डटे हैं तो 230 की इस बिसात में, कितने बागी कितना घात पहुंचाने वाले हैं और इस डैमेज को सियाली दल मैनेज कैसे करेंगे।
MP Assembly Elections 2023 ये तस्वीर कुछ दिन पुरानी है। जब बुरहानपुर से बीजेपी के बागी हर्ष चौहान ने चुनावी मैदान में ताल ठोंकी थी। लगा था कि 4 नवंबर तक सब मैनेज हो जाएगा। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद रहे नंदकुमार चौहान के बेटे हर्ष को मनाने के लिए कैलाश विजयवर्गीय ने कई कोशिशें की, खुद अमित शाह ने भी हर्ष मनाने के लिए फोन किया लेकिन वो नहीं माने और अब बीजेपी उम्मीदवार अर्चना चिटनीस के सामने मैदान में है।
गुनौर सीट से अमिता बागरी टीकमगढ़ से पूर्व विधायक के के श्रीवास्तव धार से पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव यादव जोबट से वन विकास निगम के अध्यक्ष माधोसिंह डाबर सतना से रत्नाकर चतुर्वेदी बीएसपी के टिकिट पर अटेर से मुन्ना सिंह भदौरिया समाजवादी पार्टी के टिकिट पर लहार से बीजेपी के रसाल सिंह बीएसपी के टिकिट पर मुरैना से बीजेपी के राकेश सिंह बीएसपी के टिकिट पर मैदान में है।
ये सभी वो नेता है जिनका अपने क्षेत्र में ठीक ठाक वर्चस्व रखते हैं और जीते भले ही नहीं बीजेपी के घोषित उम्मीदवार के लिए तो मुसीबत खड़ी कर सकते है। वैसे पार्टी को भरोसा है कि इनसे अब कोई ज्यादा नुकसान नही होने वाला है।
जहां कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार ने जोरदार तरीके से अपनी ताकत दिखाई, दरबार इस बार महू से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार भी 2018 को दोहराने की कोशिश कर रही कांग्रेस के करीब डेढ़ दर्जन नाराज नेता चुनाव लड़ रहे है इनमें पूर्व विधायक और वो नेता भी शामिल है जिन्हें इस बार टिकिट देने के बाद बेटिकट कर दिया गया था।
कांग्रेस में हटा से भगवान दास चौधरी बीएसपी के टिकिट पर बड़नगर से राजेंद्र सोलंकी धार से कुलदीप बुंदेला बुरहानपुर से नफीस मंशा एआईएमआईएम के टिकिट पर गोटेगांव से शेखर चौधरी नागौद से यादवेंद्र सिंह बीएसपी के चुनाव चिन्ह पर दिमनी से बलवीर दंडोतिया बीएसपी के टिकिट पर और सुमावली सीट से कुलदीप सिकरवार बीएसपी के टिकिट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
बागियों को मनाने के लिए दिग्विजय सिंह और रणदीप सुरजेवाला ने काफी मशक्कत भी की, कईयों को भरोसा दिया गया कि सरकार बनने पर उन्हें एडजस्ट किया जाएगा इससे कुछ नेता तो माने लेकिन कुछ अड़ गए और नाम वापसी के आखिरी दिन तस्वीर सभी के सामने है।
वैसे मध्यप्रदेश में खुद की पार्टी से नाराज नेताओं के पास बीएसपी,एसपी,आप,एआईएमआईएम के साथ साथ निर्दलीय लड़ने का मौका तो था ही…और इन पार्टियो को भी अपना जनाधार बढ़ाने के लिए मजबूत नेताओं की जरुरत भी यही वजह थी कि इस बार नाराज नेताओं ने अपनी सीट के हिसाब विकल्प का चुनाव किया।