Bihar Election Opinion Poll, image source: PTI
Bihar Election Opinion Poll : पटना. बहुत ही जल्द बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का ऐलान होने वाला है। इसी बीच आ दिन नए नए सर्वे हो रहे हैं जिसमें से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आखिर इस बार प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी? वहीं हाल ही में सामने आए 4 ओपिनियन पोल ने एक बार फिर से सभी को हैरान कर दिया है। इस सर्वे में एक बार फिर से बिहार में एनडीए की स्थिति मजबूत दिखाई गई है।
इन सर्वेक्षणों के अनुसार, एनडीए को 40-52% वोट शेयर और 130-158 सीटें मिलने की संभावना है जो 2020 के प्रदर्शन से भी अच्छा है। हालाकि महागठबंधन भी कड़ी चुनौती पेश कर रहा है। चुनाव के परिणाम नवंबर 2025 में आएंगे जिसके बाद ही सामने आएगा कि बिहार की जनता किसे चुनती है, लेकिन वर्तमान में चुनावी सर्वे के अनुमान यही हैं कि एनडीए 2010 वाली ऐतिहासिक जीत दोहरा सकती है, जब उसने 39 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 243 में से 206 सीटों पर जीत हासिल की थी।
आपको बता दें कि मैट्रिक्स, जेवीसी ओपिनियन पोल, स्पीक मीडिया नेटवर्क और वोट वाइब के द्वारा किए गए सभी चार सर्वे में एनडीए का वोट शेयर 40% से 52% के बीच और 130 से 158 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। जोकि 2020 विधानसभा चुनाव के पिछले प्रदर्शन से काफी बेहतर है।
Bihar Election Opinion Poll, इन सर्वे के अनुसार, नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए ने बिहार में अपनी पकड़ मजबूत की है। ये चारों ओपिनियन पोल एक समान कहानी बयां कर रहे हैं। इसमें जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के साथ हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) जैसे सहयोगियों से युक्त एनडीए की मजबूत बढ़त सामने आयी है।
इस सर्वे में नीतीश कुमार के शासन के प्रति जनता संतुष्ट नजर आई है। जिसमें 40% “बहुत संतुष्ट” और 36% “संतुष्ट” हैं, कुल 76% लोगों ने उनके काम से संतुष्टि जताई है। इस सवाल के जवाब में कि कौन सी पार्टी बिहार में अच्छा शासन दे सकती है? उत्तर में 35% ने बीजेपी और 18% ने जदयू का नाम लिया जो कि एनडीए को कुल 43% समर्थन है। हैरान करने वाला निष्कर्ष यह कि 20 साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल के बावजूद 42% लोग नीतीश कुमार को ही अभी भी मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
इस सवाल के जवाब में कि अगर आज चुनाव हों तो कौन सा गठबंधन जीतना चाहिए? 52% लोगों ने एनडीए का समर्थन किया, यानी एनडीए को 52% वोट शेयर मिलने की संभावना है। यह आंकड़ा महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि 2010 में एनडीए ने केवल 39% वोट शेयर के साथ 206 सीटें जीती थीं।
जेवीसी ओपिनियन पोल में एनडीए को 41-45% वोट शेयर और 131-150 सीटें मिलने का अनुमान जताय गया है। ओपिनियन पोल के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 40% वोट और 81-103 सीटें मिलने का अनुमान है। जन सुराज को 10-11% वोट और 4-6 सीटें मिल सकती हैं। नीतीश कुमार 27% समर्थन के साथ मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद बने हुए हैं, जबकि तेजस्वी यादव दूसरे स्थान पर हैं।
इस सर्वे के अनुसार, एनडीए को 46% वोट शेयर के साथ 158 सीटें मिल सकती हैं, जबकि महागठबंधन को 41% वोट के साथ 66 सीटें मिल सकती हैं। जन सुराज को 8% वोट मिलने की संभावना है, लेकिन सर्वे के अनुसार प्रशांत किशोर की पार्टी को कोई सीट नहीं मिलेगी। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडियन मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को चार सीटें मिल सकती हैं।
इस सर्वे ने सीधे वोटिंग प्राथमिकता के बजाय महागठबंधन की महिला रोजगार योजना (10,000 रुपये महिलाओं को) के प्रभाव पर सवाल पूछा। लगभग 34.9% लोगों ने कहा कि वे महागठबंधन को वोट देंगे, जबकि 34.8% ने एनडीए का समर्थन किया जो लगभग बराबरी की स्थिति बता रहा है, हालांकि, 5.8% लोग जो पहले महागठबंधन या जन सुराज को वोट देते थे, उन्होंने इस योजना के कारण एनडीए को वोट देने की बात कही जिससे एनडीए का वोट शेयर 40% से ऊपर चला गया।
कुल मिलाकर ये सर्वे बताते हैं कि एनडीए को 130-158 सीटें और 40-52% वोट शेयर मिलने की संभावना है जो 2020 के प्रदर्शन (125 सीटें, 37.26% वोट शेयर) से काफी बेहतर है। महागठबंधन को 37-41% वोट शेयर के साथ 66-103 सीटें मिलने का अनुमान है। इस चुनाव को बिहार के लिए “परिवर्तनकारी चुनाव” भी कहा जा रहा है। यह एनडीए की वापसी का संकेत है।
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