पटना, पांच दिसंबर (भाषा) बिहार विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक आलोक मेहता ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार ने 1.40 करोड़ महिलाओं को 10 हजार रुपये की सहायता दी, जबकि चार करोड़ से अधिक महिलाएं इस लाभ से वंचित रह गईं।
विधानसभा में मेहता ने कहा, ‘‘यदि राज्य सरकार ने एक करोड़ 40 लाख महिलाओं को सहायता प्रदान की है, तो बाकी चार करोड़ महिलाओं को क्यों छोड़ दिया गया? पूरे राज्य की महिलाओं के साथ इस तरह का भेदभाव स्वीकार्य नहीं है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए चुनिंदा वर्ग को फायदा पहुंचाया जा रहा है, जबकि योजना का उद्देश्य सभी पात्र महिलाओं को आर्थिक सहायता देना है।
राजद विधायक ने कहा, ‘‘महिलाएं परिवार, समाज और राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ऐसे में किसी भी सहायता योजना का लाभ चुनिंदा वर्ग तक सीमित रखना न्यायसंगत नहीं हो सकता।’’
उन्होंने मांग की कि योजना के लिए पात्र सभी महिलाओं को समान रूप से लाभ दिया जाए।
द्वितीय अनुपूरक बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए मेहता ने राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर भी सवाल उठाए।
उनका कहा कि बार-बार अनुपूरक बजट लाना इस बात का संकेत है कि सरकार अपने वित्तीय दायित्वों को ठीक से नहीं निभा पा रही।
मेहता ने कहा, ‘‘बजट एक वर्ष की नीतिगत तैयारियों और लक्ष्यों का दस्तावेज होता है, लेकिन लगातार संशोधन दिखाता है कि सरकार की योजना निर्माण प्रक्रिया कमजोर पड़ चुकी है।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बजट निर्माण के दौरान विपक्ष द्वारा दिए गए सुझावों पर न चर्चा हुई और न कोई जवाब दिया गया। मेहता ने कहा कि विपक्ष की आवाज को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे आम नागरिकों के हित प्रभावित हो रहे हैं।
राजद ने कहा कि आर्थिक सहायता योजनाओं का उद्देश्य राजनीतिक लाभ नहीं, बल्कि जनहित होना चाहिए।
भाषा कैलाश
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