पटना, 22 जनवरी (भाषा) जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को पार्टी के प्रति बढ़ती असंतोष की भावना पर विराम लगाया, लेकिन अपनी रणनीति को लेकर पत्ते अभी नहीं खोले हैं।
कुशवाहा कुछ जांच के लिए राष्ट्रीय राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हैं और यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेताओं ने उनसे मुलाकात की थी। कुशवाहा ने यह स्पष्ट किया कि ‘‘100 प्रतिशत से अधिक’’ तय है कि वह भाजपा के ‘‘कभी सदस्य नहीं बनेंगे’’।
उन्होंने हालांकि नाराजगी व्यक्त की कि उनकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के विलय के लगभग दो साल बाद भी ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि लोग आश्वस्त नहीं हैं कि मैं पूरी तरह से जद (यू) के साथ हूं’’।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कोई और कारण नहीं दिखता कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुझसे सीधे बात करने के बजाय मीडिया से मेरे बारे में क्यों बात की।’’
कुशवाहा ने कहा कि जब अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे हैं तो उन्हें ऐसा लगा मानो ‘‘जीते जी मेरा पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है’’।
भाषा सुरभि प्रशांत
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