पटना, 23 अक्टूबर (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर परोक्ष रूप से निशाना साधा और उन पर ‘‘खोखले वादों’’ से महिलाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया।
कुमार ने कहा कि बिहार के लोग जानते हैं कि उनके लिए किसने असली काम किया है।
उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी का नाम लिए बगैर सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट में कहा, ‘‘बिहार की जनता ने उन्हें मौका दिया था, लेकिन उन्होंने जनता की सेवा करने के बजाय सत्ता का उपयोग अपने निजी हितों के लिए किया।’’
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब एक दिन पहले विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने अनुबंधित कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने और जीविका स्व-सहायता समूहों से जुड़ी करीब दो लाख ‘‘कम्युनिटी मोबिलाइज़र’’ महिलाओं का मासिक मानदेय बढ़ाकर 30 हजार रुपये करने का वादा किया था।
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘कुछ लोग चुनाव के ठीक पहले खुद को ‘जीविका दीदियों’ और बिहार की आधी आबादी का मसीहा बताने की कोशिश कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि ‘जीविका दीदियों’ के नाम पर वे अपने परिवार की रोजी-रोटी तलाश रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग आधी आबादी के लिए चांद-तारे तोड़ लाने जैसे वादे कर रहे हैं। बिहार की जनता ने इन्हें पहले भी मौका दिया था, लेकिन तब इनका ध्यान जनता की सेवा से अधिक व्यक्तिगत लाभ पर था।’’
कुमार ने आरोप लगाया कि ‘‘उनके शासनकाल में महिलाओं का विकास उनके अपने परिवारों तक सीमित था। ‘जंगलराज’ के दौर में बिहार की महिलाओं ने जो पीड़ा और भय झेला, वह किसी से छिपा नहीं है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘बिहार अब वैसा नहीं रहा जैसा 2005 से पहले था। आज बिहार की बेटियां पढ़ रही हैं, आगे बढ़ रही हैं, रोजगार कर रही हैं और राज्य तथा देश का गौरव बढ़ा रही हैं। उन्हें पता है कि उनके सशक्तिकरण के लिए किसने सच में काम किया है।’’
उन्होंने भरोसा जताया कि आगामी चुनाव में महिलाएं एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ खड़ी होंगी।
कुमार ने कहा, ‘‘हमने 2005 में बिहार से जो वादा किया था, वह आज भी हमारे मन में है। जब तक मैं यहां हूं, कोई ताकत बिहार और खासकर हमारी बहनों-बेटियों को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती।’’
उन्होंने अपने सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने पंचायत और नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया, सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया और महिलाओं के लिए डोमिसाइल नीति लागू की। प्राथमिक शिक्षक भर्ती में भी 50 प्रतिशत कोटा महिलाओं के लिए तय किया गया।’’
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जन्म से स्नातक तक हर बेटी पर औसतन 94,100 रुपये खर्च करती है और प्रत्येक परिवार की एक महिला को व्यवसाय शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये की सहायता दी जाती है।
कुमार का कहना है, ‘‘यदि उनका व्यवसाय सफलतापूर्वक चलता है, तो उन्हें दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाती है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में 1.4 करोड़ से अधिक जीविका दीदियों की भूमिका अहम है। किसी भी समाज या राज्य की प्रगति आधी आबादी के सशक्तीकरण के बिना संभव नहीं है।’’
भाषा कैलाश
राजकुमार हक
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