Bihar Election 2025
Bihar Election 2025: पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान गुरुवार को पूरे जोश और उत्साह के माहौल में जारी है। राज्यभर में लोकतंत्र के इस महापर्व में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस चरण का मतदान न केवल सत्ता परिवर्तन की दिशा तय करेगा, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए बिहार की राजनीतिक दशा और दिशा पर भी निर्णायक प्रभाव डालेगा।
मतदान प्रतिशत 03:00 PM
प्रथम चरण, विधान सभा आम निर्वाचन 2025, बिहार pic.twitter.com/t3b86LebLw— Chief Electoral Officer, Bihar (@CEOBihar) November 6, 2025
सुबह 9 बजे तक 13.13% मतदान दर्ज किया गया था, जबकि दोपहर 3 बजे तक यह बढ़कर 53.77% तक पहुँच गया। मतदाताओं में पुरुषों, महिलाओं और पहली बार वोट डालने वाले युवाओं का उत्साह देखने लायक है।इस पहले चरण में राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। कुल 3.75 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
Bihar Election 2025: पटना: इस चरण में 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनकी किस्मत अब ईवीएम में कैद हो चुकी है। इनमें सत्तारूढ़ एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और विपक्षी महागठबंधन के कई दिग्गज नेता शामिल हैं। इसके साथ ही जनसुराज पार्टी के उम्मीदवारों की परीक्षा भी इस चरण में हो रही है, क्योंकि यह चुनाव उनके जनसमर्थन और संगठनात्मक प्रभाव का वास्तविक आकलन माना जा रहा है।
पहले चरण की कई सीटें “हॉट सीट” के रूप में सुर्खियों में हैं, जहाँ बड़े-बड़े नामों की प्रतिष्ठा दांव पर है। राघोपुर से आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, महुआ से तेज प्रताप यादव, तारापुर से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मोकामा से अनंत सिंह, अलीनगर से मैथिली ठाकुर, छपरा से अभिनेता-सिंगर खेसारी लाल यादव, भोर से प्रीति किन्नर और काराकाट से ज्योति सिंह जैसी शख्सियतें मैदान में हैं। इन सीटों पर मुकाबला बेहद दिलचस्प माना जा रहा है, क्योंकि यहाँ राजनीतिक प्रतिष्ठा और भविष्य दोनों दांव पर हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के 14 मंत्रियों का भाग्य भी इसी चरण के मतदान से तय होना है।
Bihar Election 2025: एनडीए बनाम महागठबंधन की लड़ाई इस बार बेहद कांटे की हो चुकी है। एक ओर एनडीए विकास, सुशासन और स्थिरता के मुद्दों पर जनता से समर्थन मांग रही है, तो दूसरी ओर महागठबंधन बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा और किसानों की समस्याओं को अपना मुख्य एजेंडा बना रहा है। दोनों गठबंधनों के बीच का यह संघर्ष न केवल सीटों की संख्या तय करेगा, बल्कि प्रदेश में भविष्य की राजनीतिक परिस्थितियों को भी परिभाषित करेगा। वहीं जनसुराज पार्टी इस चुनाव को अपने लिए अवसर के रूप में देख रही है, जिससे वह जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर सके।
सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखी गईं। महिलाओं के लिए विशेष “पिंक बूथ” बनाए गए हैं, जबकि बुज़ुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष सुविधाएं, छांव और पेयजल की व्यवस्था की गई है। पूरे राज्य में मतदान को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती, स्थानीय पुलिस की निगरानी और संवेदनशील बूथों पर विशेष चौकसी के बीच मतदान प्रक्रिया सुव्यवस्थित ढंग से जारी है।
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