अब कृष्ण भी उतरे UP चुनाव में, लोकसभा राम भरोसे लड़ेगी BJP

UP Elections 2022: यूपी में जैसी उम्मीद थी अखिलेश यादव को घेरने के लिए बीजेपी कृष्ण भगवान की भक्ति में उतर आई है।

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  • Publish Date - February 7, 2022 / 08:42 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 05:58 AM IST

आज फिर हम यूपी में बन चुके एक नए समीकरण की बात करने वाले हैं….यूपी में जैसी उम्मीद थी अखिलेश यादव को घेरने के लिए बीजेपी कृष्ण भगवान की भक्ति में उतर आई है….आखिरकार चुनावी मुद्दों की गाड़ी जातिवाद, गुंडाराज, नकली समाजवाद और राष्ट्रवाद से होते हुए अब मथुरा स्टेशन तक पहुंच गई है… जाहिर है अब चुनाव खत्म होने तक ये गाड़ी मथुरा स्टेशन पर ही खड़ी रहेगी…

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तो जैसी उम्मीद थी UP के इलेक्शन में भगवान कृष्ण की आखिरकार इंट्री हो ही गई है…वैसे इसका पहला श्रेय समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को जाता है जिन्होंने हिन्दू वोटों के लालच में चुनावी माहौल शुरू होने के साथ ही कह दिया था कि भगवान कृष्ण रोज उनके सपने में आते हैं….लेकिन उनके सपने की चर्चा ठीक से शुरू हो उससे पहले ही बीजेपी ने अखिलेश के जातिवाद, तुष्टिकरण की राजनीति, टोपी और कथित गुण्डाराज के साथ ही अपने राष्ट्रवाद का नारा ऐसा बुलंद कर दिया कि अखिलेश को अपनी जान बचाने के लिए डायवर्ट होना ही पड़ गया… सफाई देते- देते अखिलेश कब कृष्ण भगवान और अपने सपने को भूल गए पता ही नहीं चला…इधर जातिवाद को राष्ट्रवाद की आग में भस्म करने में जुटी बीजेपी मथुरा का कभी कभार ही जिक्र करती रही है और पूरे समय अखिलेश के शासनकाल की याद ही जनता को दिलाती रही है….शायद वह वोटिंग के दिन पास आने का इंतजार कर रही थी…और जैसा कि आप जानते हैं पहले चरण की वोटिंग का समय आ गया है तो बीजेपी अब कृष्ण भगवान की भक्ति में लीन होने लगी है….प्रधानमंत्री से लेकर यूपी बीजेपी के नेता तक सभी भगवान कृष्ण की शरण में जाने को बेताब नजर आ रहे हैं….हाल में यूपी के लिए वर्चुअल रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कृष्ण भगवान को फिर से मैदान में उतार दिया है….आगरा और मथुरा समेत 21 विधानसभा सीट पर वर्चुअल रैली के दौरान उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मथुरा और ब्रज क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की कोशिश कर रही है। अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव देखकर कृष्ण भक्ति का चोला ओढ़ने वाले लोग जब खुद शासन कर रहे थे, तब वृंदावन, बरसाना, गोवर्धन, नंदगांव जैसे क्षेत्रों को भूल ही गए थे। उनको यह भी पता नहीं था कि यूपी के नक्शे में ये हिस्से हैं…।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब भाजपा के लिए जनता का समर्थन दिखा तो इन लोगों को सपने में भगवान श्रीकृष्ण दिख रहे हैं…
चुनाव में कैसे भगवान कृष्ण ने धीरे से इंट्री मारी है यह जानने के लिए आपको कुछ दिनों पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का ट्विट देखना चाहिए… योगी भी इसी तरह मथुरा वृन्दावन का मुद्दा आगे बढ़ाए हुए हैं…पिछले दिनों उन्होंने ट्विट किया था …कि “सनातन आस्था का सम्मान करते हुए भाजपा सरकार ने पुण्यभूमि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थल के 10 वर्ग किलोमी​टर के क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित किया है। गोपाल की भूमि पर अब मदिरा-मांस का क्रय-विक्रय नहीं होता। जय कन्हैया लाल की…” एक और ट्विट में उन्होंने लिखा कि- सनातन आस्था, गौरवशाली इतिहास और भारत के गौरव को फिर से स्थापित करना ही भाजपा का लक्ष्य है। अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर और काशी में भगवान विश्वनाथ का भव्य धाम बन रहा है। फिर मथुरा-वृन्दावन कैसे छूट जाएगा…!” एक दूसरे ट्विट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रज तीर्थ विकास परिषद इसी उद्देश्य की पूर्ति कर रहा है।

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इधर योगी- मोदी का इशारा होते ही यूपी बीजेपी राधा कृष्ण और मथुरा वृन्दावन जैसे मुद्दे उठाने में जुट गई है…
पहले चरण की वोटिंग ब्रज क्षेत्र समेत आसपास के इलाकों में ही होगी इसलिए अब …यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है कि हमारा लक्ष्य सभी तीर्थों का विकास करना है। हमने मथुरा में ज्ञानवापी मस्जिद की बात नहीं की है। हम कृष्ण जन्मस्थली और उनकी लीला स्थली को भव्य स्वरूप में खड़ा करना चाहते हैं। वे पूछ रहे हैं हम मथुरा- वृंदावन का विकास करना चाहते हैं तो अखिलेश, प्रियंका की छाती पर सांप क्यों लोटता है। मौर्य आगे कहते हैं विपक्ष के जिन नेताओं को 2014 से पहले मंदिर जाना सांप्रदायिक लगता था आज वह मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं। केशव प्रसाद ने ट्विट भी किया और लिखा, ‘2022 विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से भाजपा सरकार बनते ही विपक्षी नेताओं को भी भारत माता की जय, वंदेमातरम्, जय श्रीराम का उद्घोष करते देखेंगे।
इधर अखिलेश ने बीजेपी की कृष्णभक्ति पर कहा है कि साढ़े चार साल पूरे हो चुके हैं इनको महंगाई…बेरोजगारी का जवाब देना चाहिए…यह सरकार विज्ञापनों में भी झूठ बोलती है इनसे सच की उम्मीद नहीं है….जाहिर है अखिलेश बीजेपी की पिच पर खेलने से बच रहे हैं और बीजेपी उनको अपनी पिच पर उतारने के लिए जोर लगाए हुए है…
खैर चुनावी समीकरण में कृष्ण भगवान के उतरने के बाद अब यूपी वालों को अखिलेश यादव अच्छे लगते हैं या फिर मोदी – योगी की कृष्णभक्ति जंचती है… ये 10 मार्च को समझ आ जाएगा….लेकिन ये जरूर है कि कृष्ण भगवान का सपना देखते रहे अखिलेश कृष्ण जन्मभूमि के नाम से आज चर्चा भी नहीं करना चाहते। अखिलेश जानते हैं बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी…..