#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : न इंटरनेट न बिजली, चिमनी की रोशनी में पढ़कर तानिया ने किया 12वीं में टॉप, सीएम भूपेश ने किया सम्मानित

न इंटरनेट न बिजली, चिमनी की रोशनी में पढ़कर तानिया ने किया 12वीं में टॉपः Tania topped 12th by studying in the light of the fireplace

#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : न इंटरनेट न बिजली, चिमनी की रोशनी में पढ़कर तानिया ने किया 12वीं में टॉप, सीएम भूपेश ने किया सम्मानित
Modified Date: November 29, 2022 / 05:26 pm IST
Published Date: July 7, 2022 8:39 pm IST

रायपुरः अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस वर्ष भी प्रदेश टॉपर बेटी-बेटियों को IBC24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से सम्मानित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित बोर्ड परीक्षा में गरियाबंद जिले की तानिया ताम्रकार ने अपना परचम लहराया है। कड़ी मेहनत से तानिया ताम्रकार ने बायो ग्रुप में 460 अंक हासिल कर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है। उनके इस मेहनत के लिए IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्रदान किया जा रहा है।

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चिमनी की रोशनी में पढ़कर तानिया बनना चाहती हैं डॉक्टर

तानिया ने बताया कि मैं जिस इलाके से आती हूं उसकी कल्पना ही सर्वसुविधा संपन्न लोगों को हिलाकर रखे देगी। न ठीक से इंटरनेट न बिजली ही सही रहती है। जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर है मेरा गांव अमलीपदर। स्कूल का भवन जर्जर है तो शिक्षकों का टोटा है। मेरे मम्मी-पापा यह तो जानते थे कि मैं पढ़ती हूं तो अच्छे अंक लाऊंगी, लेकिन सच कहूं तो न उन्हें न मुझे यह भरोसा था कि मैं टॉपर बन जाऊंगी। कई बार चिमनी में पढ़ना पड़ता था तो कभी पावर बैंक की टॉर्च की रोशनी में। लेकिन अच्छी बात ये थी कि यह सब मेरे लिए कोई नया संघर्ष नहीं था। जिस इलाके से से आती हूं वहां इसे अभाव से ज्यादा आदत माना जाता है। अब आगे मैं नीट की तैयारी करूंगी। नीट के लिए मैंने अपनी 12वीं की पढ़ाई के दौरान भी समय निकाला है। नीट के हिसाब से ही तैयारी करती रही हूं। मैं सर्जन बनना चाहती हूं। मेरी पढ़ाई में सबसे बड़ी चुनौती बना कोरना जिसने 11वीं कक्षा बिना स्कूल के ही खत्म कर डाली। यहां से जो 12वीं का बेस बनता वह नहीं बन सका। 12वीं में भी आधा साल निकल गया। पढ़ई तुंहर द्वार ने बड़ी मदद की। ऐसे में पढ़ना मुश्किल रहा। फिर भी मैंने रोजोना 6 घंटे पढ़ाई के निकाले। हर 10 दिन पर और महीने में जो पढ़ती उसे रिवीजन करती। मेरा मानना है कि पढ़ाई को कभी कल पर नहीं टालना चाहिए। इसका नुकसान ये होता है कि हम आज तो गंवाते ही हैं साथ में आने वाला कल भी किसी काम का नहीं रहता। आईबीसी-24 की स्वर्ण शारदा पाकर मैं खुश हूं।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।