IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर भव्या पांडे बोलीं- तनावरहित शिक्षा प्रणाली पर करना चाहती हूं शोध

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर भव्या पांडे बोलीं- तनावरहित शिक्षा प्रणाली पर करना चाहती हूं शोध

Edited By :   Modified Date:  July 28, 2023 / 05:28 PM IST, Published Date : July 7, 2022/1:05 am IST

रायपुर। IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस साल भी IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। IBC24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल टॉपर बेटियों को ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संभाग के टॉपर बेटों को भी दी जाएगी। मुंगेली जिले से भव्या पांडे ने 12 वीं में प्रथम स्थान प्राप्त कर जिले और परिवार का मान बढ़ाया है, कु भाव्या सरस्वती शिशु मंदिर मुंगेली में अपना पढ़ाई पूरी की है। भव्या ने मैथ्स ग्रुप में 466 अंक लाया है। भव्या पांडे ने कहा कि “मेरा पूरा परिवार शिक्षक है। इसलिए मुझमें शिक्षा का संस्कार हैं। मैंने अपने करियर को इसी तरह से प्लान किया है। भविष्य़ में अच्छी शिक्षक बनना चाहती हूं।“

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तनावरहित शिक्षा प्रणाली पर शोध करना चाहती हैं भव्या

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : भव्या की जुबानी.. मैं एक शिक्षक परिवार से ताल्लुक रखती हूं। मेरे दादाजी भी शिक्षक थे। वे उसूलों के पक्के ऐसे शिक्षक थे कि बच्चों को अपने बच्चे मानकर पढ़ाते थे। पापा भी सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक हैं। हमारे यहां शिक्षा का अच्छा माहौल है। इसलिए मैं चाहती हूं कि पढ़-लिखकर मैं भी शिक्षा के क्षेत्र में जाऊं। स्कूल परीक्षाओं के जब नतीजे आते हैं तो हम देखते हैं, बच्चे तनाव लेते हैं। अपनी विफलता या खराब प्रदर्शन से घबरा जाते हैं। कई बार स्टूडेंट सुसाइड भी कर लेते हैं। इस वृत्ति के पीछे हमारी शिक्षा प्रणाली है। मैं चाहती हूं। इस दिशा में गहरे से शोध करूं और ऐसी पेडॉगॉजीज डेवलप करूं जो बच्चों में तनाव नहीं बल्कि उत्साह का संचार करे। इसके लिए मैं शिक्षा का क्षेत्र चुनूंगी, ताकि इस दिशा में कुछ अच्छा किया जा सके। मैं एक साधारण परिवार से आती हूं। घर में खेतीबाड़ी है। संयुक्त परिवार है। जरौंधा नाम का गांव है। मैंने अपनी पढ़ाई मेरी बड़ी मां के घर मुंगेली में रहकर की है। पढ़ाई में सफलता तभी मिल सकती है, जब हम इसकी पूरी तैयारी करें। मैंने अपनी पढ़ाई में ऐसा ही किया। कोर्स को विभक्त किया और उसके अनुरूप समय बांटा। इससे मेरी एप्रोच में सुधार हुआ। मैंने एक-एक विषय को भरपूर समय दिया और समझ-समझकर पढ़ा। आगे की पढ़ाई की योजना भी ऐसी ही है। पढ़ाई में लापरवाही कभी नहीं की। आईबीसी-24 की स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप मिलने से मुझे आगे के रास्ते साफ दिखाई देंगे और यह हम बेटियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए अच्छा कदम है।

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